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Deepavali 2025: कब मनाएंगे यह त्योहार? शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और घर सजावट के बेस्ट टिप्स

On: October 5, 2025 8:07 AM
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Deepavali 2025: दीपावली का त्योहार आते ही घरों में खुशियों की बहार छा जाती है। रोशनी की इस रौनक भरी रात में बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक बन जाता है पूरा जहां। 2025 में दीपावली का स्वागत करने की तैयारियां अभी से शुरू हो चुकी हैं। अगर आप भी सोच रहे हैं कि इस बार दीपावली कब आएगी, पूजा का सही समय क्या है और घर को कैसे सजाएं, तो यह आर्टिकल आपके लिए ही है। यहां हम दीपावली 2025 की पूरी डिटेल्स कवर करेंगे – तारीखों से लेकर उत्सव के मजेदार आइडियाज तक। चलिए, शुरू करते हैं इस रोशनी भरे सफर को!

Deepavali 2025
Deepavali 2025: कब मनाएंगे यह त्योहार? शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और घर सजावट के बेस्ट टिप्स

Deepavali 2025 की महत्वपूर्ण तारीखें

दीपावली कोई एक दिन का त्योहार नहीं, बल्कि पांच दिनों का भव्य उत्सव है। 2025 में यह त्योहार 18 अक्टूबर से शुरू होकर 22 अक्टूबर तक चलेगा। आइए देखें हर दिन की खासियत:

  • धनतेरस (18 अक्टूबर, शनिवार): सोने-चांदी के आभूषण खरीदने का शुभ दिन। घर में लक्ष्मी-कुबेर की पूजा करें।
  • नरक चतुर्दशी या छोटी दीपावली (19 अक्टूबर, रविवार): नरकासुर के वध की याद में स्नान और दीप जलाएं।
  • मुख्य दीपावली (20 अक्टूबर, सोमवार): लक्ष्मी पूजा का दिन। शाम को दीये जलाकर घर सजाएं।
  • गोवर्धन पूजा (21 अक्टूबर, मंगलवार): भगवान कृष्ण की पूजा और अन्नकूट का प्रसाद।
  • भाई दूज (22 अक्टूबर, बुधवार): भाई-बहन के प्यार का त्योहार। राखी बांधने जैसा मंगल कामना।

ये तारीखें पंचांग के अनुसार हैं, लेकिन स्थानीय परंपराओं के हिसाब से थोड़ा बदलाव हो सकता है।

दीपावली का धार्मिक महत्व और पौराणिक कथा

दीपावली का अर्थ ही है ‘दीपों की माला’। यह त्योहार बुराई पर अच्छाई, अंधकार पर प्रकाश और गरीबी पर समृद्धि की जीत का प्रतीक है। रामायण के अनुसार, भगवान राम 14 वर्ष वनवास के बाद अयोध्या लौटे तो प्रजा ने दीप जलाकर उनका स्वागत किया। वहीं, महाभारत में पांडवों की वापसी से भी इसका संबंध जोड़ा जाता है। दक्षिण भारत में इसे नरकासुर पर श्रीकृष्ण की विजय के रूप में मनाया जाता है।

यह त्योहार न सिर्फ हिंदू बल्कि जैन, सिख और बौद्ध समुदायों के लिए भी खास है। जैनों के लिए यह भगवान महावीर के निर्वाण दिवस का प्रतीक है। कुल मिलाकर, दीपावली हमें सिखाती है कि सकारात्मकता हमेशा जीतती है।

Deepavali 2025 पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

पूजा के बिना दीपावली अधूरी। 20 अक्टूबर को लक्ष्मी पूजा का मुख्य मुहूर्त शाम 7:08 बजे से 8:18 बजे तक रहेगा। अगर आप देर रात पूजा करना चाहें, तो प्रहर मुहूर्त भी उपलब्ध है।

पूजा की सरल विधि:

  1. घर की सफाई करें और स्वास्तिक बनाएं।
  2. चौकी पर लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति स्थापित करें।
  3. दीये जलाएं, फूल-फल चढ़ाएं और आरती करें।
  4. ‘ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मी…’ मंत्र का जाप करें।

ध्यान रखें, पूजा से पहले व्रत रखना शुभ माना जाता है। अगर आप पंडित बुला रहे हैं, तो पहले बुकिंग कर लें।

दीपावली के उत्सव को यादगार कैसे बनाएं?

दीपावली सिर्फ पूजा नहीं, बल्कि परिवार के साथ बिताए पलों का त्योहार है। घर को रंग-बिरंगे दीयों, लाइट्स और फूलों से सजाएं। रंगोली बनाना न भूलें – इसमें चावल के आटे से सुंदर डिजाइन बनाएं। पटाखे फोड़ने से पहले पर्यावरण का ख्याल रखें; इको-फ्रेंडली ऑप्शन चुनें।

दोस्तों-रिश्तेदारों को मिठाई के डिब्बे भेजें। इस बार ट्राई करें होममेड गिफ्ट्स जैसे डायरी या स्पा किट। बच्चे क्रैकर्स के साथ मिलकर घर सजाने का मजा लें। याद रखें, दीपावली का असली मजा शेयरिंग में है!

दीपावली स्पेशल: घर पर बनाएं ये स्वादिष्ट व्यंजन

त्योहार बिना खाने के क्या? यहां कुछ आसान रेसिपीज:

  • लड्डू: बेसन को भूनकर घी-चीनी मिलाएं। 20 मिनट में तैयार।
  • हलवा: सूजी को रोस्ट करें, दूध डालें और काजू डालकर सर्व करें।
  • करन: दही में चीनी और इलायची मिलाकर ठंडा सर्व करें।

ये व्यंजन न सिर्फ स्वादिष्ट हैं, बल्कि स्वास्थ्यवर्धक भी।

निष्कर्ष

दीपावली 2025 हमें फिर से याद दिलाएगी कि जिंदगी में रोशनी हमेशा लौट आती है। यह त्योहार नई शुरुआत, समृद्धि और प्यार का संदेश देता है। इस बार परिवार के साथ मिलकर इसे मनाएं, पर्यावरण का सम्मान करें और सकारात्मक ऊर्जा फैलाएं। दीपावली की शुभकामनाएं! आइए, इस रोशनी से दुनिया को उजाला दें।

FAQ: Deepavali 2025 से जुड़े आम सवाल

1. दीपावली 2025 कब मनाई जाएगी? मुख्य दीपावली 20 अक्टूबर को, लेकिन पूरा उत्सव 18 से 22 अक्टूबर तक।

2. लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है? शाम 7:08 से 8:18 बजे तक, दिल्ली के अनुसार।

3. क्या पटाखे फोड़ना जरूरी है? नहीं, इको-फ्रेंडली तरीके अपनाएं। रोशनी पर फोकस करें।

4. दीपावली में कौन-कौन से व्यंजन बनते हैं? लड्डू, हलवा, करन और गुजिया – मीठे व्यंजनों का राज।

5. क्या दीपावली सभी धर्मों में मनाई जाती है? हां, हिंदू, जैन, सिख समुदायों में अलग-अलग महत्व के साथ।

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