गुरु नानक देव जी का प्रकाश पर्व: गुरु नानक देव जी का 556वां प्रकाश पर्व 2025 आज पाकिस्तान में हर्षोल्लास से मनाया जा रहा है। करीब 2,100 भारतीय सिख श्रद्धालु वाघा बॉर्डर से प्रवेश कर चुके हैं। पाकिस्तान सरकार ने इनका गर्मजोशी से स्वागत किया। यह पहला अवसर है जब मई के चार दिवसीय संघर्ष के बाद दोनों देशों के बीच लोगों का ऐसा संपर्क हो रहा है। श्रद्धालु ननकाना साहिब के गुरुद्वारा जनमस्थान पहुंचे।

मुख्य समारोह बुधवार को होगा। सभी गुरुद्वारे रोशनी से सजे हैं। यह पर्व सिख धर्म के संस्थापक की जन्म जयंती के रूप में जाना जाता है।
गुरु नानक देव जी का प्रकाश पर्व का धार्मिक महत्व और इतिहास
प्रकाश पर्व सिख समुदाय का प्रमुख त्योहार है। गुरु नानक देव जी का जन्म 1469 में ननकाना साहिब में हुआ था। वे सिख धर्म के प्रथम गुरु थे। उनकी शिक्षाएं एक ईश्वर, समानता और सेवा पर आधारित हैं। इस दिन अखंड पाठ और कीर्तन होते हैं। श्रद्धालु लंगर में भाग लेते हैं। पाकिस्तान में 20 से अधिक ऐतिहर स्थल हैं। 1974 के भारत-पाकिस्तान समझौते के तहत यात्रा संभव होती है। 2019 में खुला करतारपुर कॉरिडोर यात्रा को आसान बनाता है। यह पर्व शांति और भाईचारे का संदेश देता है। लाखों सिख विश्वभर में उत्सव मनाते हैं।
पाकिस्तान द्वारा वीजा और यात्रा व्यवस्था
पाकिस्तान हाई कमीशन ने दिल्ली से 2,100 से अधिक वीजा जारी किए। यह 4 से 13 नवंबर तक चलने वाले आयोजन के लिए हैं। श्रद्धालु अमृतसर से विशेष ट्रेन से वाघा पहुंचे। इमिग्रेशन और कस्टम्स औपचारिकताएं पूरी कीं। फिर विशेष बसों से ननकाना साहिब गए। करतारपुर दरबार साहिब नरोवाल जिले में स्थित है। कॉरिडोर समझौते को पांच वर्ष और बढ़ाया गया। मई में सुरक्षा कारणों से कॉरिडोर बंद हुआ था। अब फिर खुला है। पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने स्वागत किया। यह व्यवस्था धार्मिक सद्भाव को मजबूत करती है।
भारतीय श्रद्धालुओं का गर्मजोशी भरा स्वागत
वाघा बॉर्डर पर पाकिस्तानी अधिकारियों ने फूल मालाओं से स्वागत किया। रेंजर्स, पुलिस और विशेष बल तैनात हैं। ईटीपीबी की सुरक्षा विंग ने सहायता की। श्रद्धालु भावुक हो उठे। ननकाना साहिब में गुरुद्वारा जनमस्थान सजा है। 80 किलोमीटर दूर लाहौर से यह स्थान है। सभी गुरुद्वारे जैसे पंजा साहिब हसन अब्दाल और सच्चा सौदा फारूकोआबाद सजाए गए। दस दिनों के प्रवास में दर्शन होंगे। लंगर और कीर्तन कार्यक्रम होंगे। यह स्वागत सीमा पार एकता का प्रतीक है। सिख समुदाय ने आभार जताया।
Read More Article : देव दीपावली 2025: काशी में आज जगमगाएंगे घाट! योगी आदित्यनाथ होंगे शामिल, देव दीपावली पर होगा विशेष महाआरती कार्यक्रम
मुख्य आयोजन और सुरक्षा उपाय
मुख्य समारोह गुरुद्वारा जनमस्थान में होगा। अखंड पाठ और धड़ियां चलेगी। करतारपुर साहिब में विशेष प्रार्थना होगी। सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित हैं। गुरुद्वारों में रोशनी और फूलों की सजावट है। पाकिस्तान सरकार ने 10 दिनों का वीजा दिया। सुरक्षा के लिए विशेष बल लगाए गए। सीमा पर सतर्कता बरती जा रही। मई संघर्ष के बाद यह पहला संपर्क है। भारत सरकार ने जत्थों को अनुमति दी। प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के प्रयासों की सराहना हुई। यह आयोजन शांति का संदेश देगा।
निष्कर्ष
गुरु नानक देव जी का प्रकाश पर्व 2025 दोनों देशों के बीच सद्भाव का प्रतीक बनेगा। 2,100 भारतीय श्रद्धालुओं का
स्वागत सिख धर्म की एकता दिखाता है। करतारपुर कॉरिडोर जैसे प्रयास भविष्य के द्वार खोलते हैं। गुरु जी की शिक्षाएं
शांति और सेवा सिखाती हैं। सभी को त्योहार की हार्दिक शुभकामनाएं। यह अवसर धार्मिक सद्भाव को मजबूत करेगा।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
प्रश्न 1: प्रकाश पर्व 2025 कब मनाया जा रहा है? उत्तर: यह 4 से 13 नवंबर 2025 तक पाकिस्तान में मनाया जा
रहा है। मुख्य समारोह 6 नवंबर को है।
प्रश्न 2: कितने भारतीय श्रद्धालु पाकिस्तान गए हैं? उत्तर: करीब 2,100 सिख श्रद्धालु वीजा पर गए हैं। वाघा बॉर्डर
से प्रवेश किया।
प्रश्न 3: स्वागत कैसे किया गया? उत्तर: फूल मालाओं और विशेष बसों से। रेंजर्स और पुलिस ने सुरक्षा सुनिश्चित की।
प्रश्न 4: मुख्य गुरुद्वारे कौन से हैं? उत्तर: ननकाना साहिब, करतारपुर साहिब और पंजा साहिब। दर्शन के लिए बसें
उपलब्ध हैं।
प्रश्न 5: करतारपुर कॉरिडोर का महत्व क्या है? उत्तर: यह 2019 में खुला। वीजा फ्री यात्रा सिखाता है। समझौते को
पांच वर्ष बढ़ाया गया।





