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UP Madarsa Education Update: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद नए नियम लागू

On: October 30, 2025 11:08 AM
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UP Madarsa Education Update: उत्तर प्रदेश में मदरसा शिक्षा प्रणाली लंबे समय से चर्चा का विषय बनी हुई है। नवंबर 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने यूपी मदरसा शिक्षा बोर्ड एक्ट 2004 को संवैधानिक रूप से वैध ठहराया, लेकिन कुछ प्रावधानों पर रोक लगा दी। इस फैसले के बाद 2025 में राज्य सरकार ने कई नए कदम उठाए हैं, जिनमें शिक्षकों के चयन के लिए सरकारी आदेश (GO) और शिक्षा मानकों को मजबूत करने वाले नियम शामिल हैं। ये बदलाव मदरसों को आधुनिक शिक्षा से जोड़ने का प्रयास हैं, ताकि छात्रों को धार्मिक और सेकुलर दोनों तरह की पढ़ाई मिल सके।

UP Madarsa Education Update
UP Madarsa Education Update

इस आर्टिकल में हम विस्तार से जानेंगे कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश क्या थे, 2025 में कौन-कौन से नए नियम लागू हुए, और इनका मदरसा छात्रों पर क्या असर पड़ेगा। अगर आप मदरसा से जुड़े हैं या एडमिशन की सोच रहे हैं, तो ये जानकारी आपके काम आएगी।

UP Madarsa Education Update: सुप्रीम कोर्ट का फैसला क्या कहा गया और क्यों महत्वपूर्ण था

सुप्रीम कोर्ट ने 5 नवंबर 2024 को इलाहाबाद हाईकोर्ट के मार्च 2024 के फैसले को रद्द कर दिया था। हाईकोर्ट ने पूरे एक्ट को असंवैधानिक घोषित किया था, क्योंकि उसके अनुसार ये धर्मनिरपेक्षता का उल्लंघन करता था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि अनुच्छेद 30 के तहत अल्पसंख्यक संस्थाओं का अधिकार बरकरार है, बशर्ते राज्य के उचित नियमों का पालन हो।

मुख्य बिंदु:

  • एक्ट वैध: मदरसा बोर्ड स्कूल स्तर (कक्षा 12 तक) की शिक्षा दे सकता है।
  • उच्च डिग्री पर रोक: ‘फाजिल’ और ‘कामिल’ जैसी स्नातक/स्नातकोत्तर डिग्रियां अमान्य, क्योंकि ये UGC के क्षेत्र में आती हैं।
  • सेकुलर शिक्षा अनिवार्य: मदरसों में आधुनिक विषय जैसे गणित, विज्ञान और अंग्रेजी को शामिल करना होगा।

ये फैसला मदरसों को बंद होने से बचाया, लेकिन गुणवत्ता सुधार पर जोर दिया। 2025 में इसका असर दिखने लगा।

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2025 में लागू नए नियम: राज्य सरकार के कदम और बदलाव

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद यूपी सरकार ने अमल में लाने के लिए कई दिशानिर्देश जारी किए। अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ विभाग ने मई 2025 में शिक्षक चयन पर विशेष GO निकाला। इसके अलावा, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में एक मामले में फैसला दिया, जिसमें मदरसों को राज्य मानकों का पालन करने की याद दिलाई गई। नीचे मुख्य बदलावों की टेबल दी गई है:

क्रमांकबदलाव का प्रकारविवरणप्रभावित पक्ष
1शिक्षक चयन दिशानिर्देश (GO 20.5.2025)मदरसों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए योग्यता निर्धारित। पुरानी विज्ञापनों को रद्द, नई प्रक्रिया शुरू।मदरसा प्रबंधन और अभ्यर्थी
2उच्च शिक्षा डिग्री प्रतिबंधकक्षा 12 के बाद कोई बोर्ड डिग्री नहीं। छात्रों को विश्वविद्यालयों में स्थानांतरित होना पड़ेगा।उच्च कक्षा के छात्र
3सेकुलर विषय एकीकरणपाठ्यक्रम में NCERT किताबें अनिवार्य। परीक्षाओं में आधुनिक विषयों का वेटेज बढ़ा।सभी छात्र और शिक्षक
4बजट आवंटन में कटौती2024-25 में मदरसा योजनाओं के लिए फंडिंग लगभग शून्य। राज्य स्तर पर सहायता सीमित।संस्थान और छात्रवृत्ति प्राप्तकर्ता
5हाईकोर्ट का हालिया फैसला (अक्टूबर 2025)मदरसा विज्ञापन अवैध घोषित अगर GO का पालन न हो। अनुच्छेद 30 का अधिकार पूर्ण नहीं।नियुक्ति प्रक्रियाएं

ये नियम 14 मई 2025 की अधिसूचना और 25 अप्रैल 2025 के GO से जुड़े हैं। मदरसा बोर्ड ने मई 2025 में परीक्षा परिणाम जारी किए, जिसमें 87.66% पास प्रतिशत रहा, जो बदलावों के बावजूद निरंतरता दिखाता है।

नए नियमों का असर और सावधानियां: माता-पिता क्या करें

ये बदलाव मदरसा शिक्षा को मजबूत बनाने के उद्देश्य से हैं, लेकिन चुनौतियां भी लाए हैं। छात्रों को अब पारंपरिक और आधुनिक शिक्षा का संतुलन सीखना होगा, जो रोजगार के अवसर बढ़ाएगा। हालांकि, फंडिंग कटौती से कई छोटे मदरसों पर दबाव है।

माता-पिता के लिए सुझाव:

  1. बोर्ड वेबसाइट चेक करें: madarsaboard.upsdc.gov.in पर टाइम टेबल और नोटिफिकेशन देखें।
  2. योग्यता वेरिफाई करें: एडमिशन से पहले शिक्षकों की योग्यता और पाठ्यक्रम की पुष्टि करें।
  3. विकल्प तलाशें: उच्च शिक्षा के लिए UGC मान्यता प्राप्त कॉलेज चुनें।
  4. सरकारी सहायता: अल्पसंख्यक कल्याण विभाग से छात्रवृत्ति के लिए आवेदन करें।
  5. काउंसलिंग लें: स्थानीय बोर्ड कार्यालय से मार्गदर्शन प्राप्त करें।

इन कदमों से बदलावों का फायदा उठाया जा सकता है।

निष्कर्ष: बदलाव की दिशा में एक कदम आगे

सुप्रीम कोर्ट के आदेश और 2025 के नए नियमों ने यूपी मदरसा शिक्षा को एक नई दिशा दी है। जहां एक तरफ संस्थाओं को वैधता मिली, वहीं दूसरी तरफ गुणवत्ता और समावेशिता पर फोकस बढ़ा। ये कदम लंबे समय में छात्रों को बेहतर भविष्य दे सकते हैं, बशर्ते सरकार और प्रबंधन मिलकर काम करें। फंडिंग और अमल की चुनौतियों के बावजूद, ये सुधार शिक्षा के समावेशी मॉडल की ओर इशारा करते हैं। अगर आप प्रभावित हैं, तो आधिकारिक स्रोतों से अपडेट रहें और सही निर्णय लें।

FAQ: UP मदरसा शिक्षा 2025 से जुड़े सवालों के जवाब

Q1: सुप्रीम कोर्ट ने मदरसा एक्ट के कौन से हिस्से को अमान्य किया? A: उच्च शिक्षा डिग्रियां जैसे फाजिल और कामिल, क्योंकि ये UGC के दायरे में आती हैं। स्कूल स्तर की शिक्षा वैध बनी रही।

Q2: 2025 में शिक्षक चयन के नए नियम क्या हैं? A: 20 मई 2025 के GO के अनुसार, योग्यता राज्य दिशानिर्देशों के अनुरूप होनी चाहिए। पुरानी नियुक्तियां रद्द हो सकती हैं।

Q3: मदरसा छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए क्या विकल्प हैं? A: कक्षा 12 के बाद UGC मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयों में प्रवेश लें। बोर्ड प्रमाणपत्र केवल स्कूल स्तर तक मान्य।

Q4: क्या मदरसों में सेकुलर शिक्षा अनिवार्य है? A: हां, NCERT पाठ्यक्रम को शामिल करना होगा, ताकि छात्रों को आधुनिक विषय मिलें।

Q5: 2025 बजट में मदरसा फंडिंग क्यों कटी? A: केंद्र सरकार ने मुस्लिम शिक्षा योजनाओं के लिए आवंटन कम किया, जिससे राज्य स्तर पर प्रभाव पड़ा।

Q6: इलाहाबाद हाईकोर्ट का हालिया फैसला क्या कहता है? A: मदरसे राज्य के उचित नियमों का पालन करें, अन्यथा नियुक्तियां अवैध। अनुच्छेद 30 का अधिकार सीमित है।

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