सोनपुर मेला: सोनपुर मेला बिहार का गौरव है। यह एशिया का सबसे बड़ा पशु मेला है। हर साल कार्तिक पूर्णिमा पर लगता है। लेकिन 2025 में तारीखें बदल गईं। विधानसभा चुनाव के कारण देरी हुई। अब 9 नवंबर से शुरू होगा। 10 दिसंबर तक चलेगा। यह फैसला सारण डीएम ने लिया। सोनपुर अनुमंडल सभागार में बैठक हुई। मंगलवार को निर्णय आया। पहले 3 नवंबर से था।

अब चुनाव की वजह से शिफ्ट। आइए जानें पूरी अपडेट।
सोनपुर मेला का इतिहास: हरिहर क्षेत्र की धरोहर
सोनपुर मेला हरिहर क्षेत्र में लगता है। गंगा और गंडक नदियों के संगम पर। भगवान हरिहरनाथ का महत्व। विष्णु और शिव का रूप। किंवदंती है। राजा जनक ने यहां यज्ञ किया। गज और ग्राह की लड़ाई। हाथी और मगर का प्रसंग। पूर्णिमा पर गंगा स्नान। लाखों श्रद्धालु आते। पशु व्यापार की शुरुआत। चंद्रगुप्त मौर्य काल से। सेना के लिए खरीद। अब सांस्कृतिक उत्सव। लोक नृत्य, संगीत। बिहार की कला दिखती।
नई तारीखों का कारण: चुनावी माहौल की मजबूरी
बिहार विधानसभा चुनाव 2025। पहला चरण 6 नवंबर। दूसरा 11 नवंबर। मेला तैयारियां प्रभावित। अचानक बारिश ने भी बाधा डाली। डीएम ने बैठक बुलाई। स्थानीय प्रशासन ने विचार। सुरक्षा और चुनाव ड्यूटी। मेला क्षेत्र में वोटिंग। इसलिए तारीखें आगे बढ़ीं। अब 9 नवंबर से। 10 दिसंबर तक। यह फैसला सबके हित में। व्यापारियों को समय मिला। श्रद्धालुओं को सुविधा। चुनाव आयोग के नियम पालन।
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मेला की विशेषताएं: पशु व्यापार से संस्कृति तक
एशिया का सबसे बड़ा पशु बाजार। हाथी, घोड़े, गाय, भैंस। कुत्ते, ऊंट, पक्षी। राजस्थान से बकरी। सजावटी जानवर। दूध देने वाली गायें। 20-25 लीटर वाली। अब कम संख्या। लेकिन लोकप्रिय। सांस्कृतिक स्टेज। लोक गीत, नाटक। हस्तशिल्प स्टॉल। कृषि उपकरण, वस्त्र। लकड़ी, पीतल के बर्तन। सुगंधित तेल। घरेलू सामान। आधुनिक बाजार। राम मंदिर जैसी सजावट। बांस की ग्रिड। चित्र दिखाए।
चुनाव का असर: तैयारियां रुकीं, उम्मीद बरकरार
चुनावी हलचल ने मेला प्रभावित। टेंडर देरी से जारी। स्टॉल सेटअप रुका। बारिश ने तंबू गीले। लेकिन स्थानीय आशावादी। मौसम सुधरेगा। हजारों आएंगे। गंगा स्नान अनिवार्य। हरिहरनाथ मंदिर पूजा। राजपूत वोटर बीजेपी-जेडीयू। यादव आरजेडी। वोटिंग पैटर्न स्थिर। मेला अर्थव्यवस्था को बढ़ावा। छठ के साथ जुड़ाव। चपरा-पटना ब्रिज सुविधा। लेकिन पशु प्रतिबंध। अवैध बिक्री।
निष्कर्ष: मेला बिहार की पहचान, समय पर पहुंचें
सोनपुर मेला संस्कृति का प्रतीक। चुनावी अपडेट से नई तारीखें। 9 नवंबर से मजा लें। पशु, पूजा, व्यापार। बिहार की धरोहर बचाएं। जागरूक रहें। चोरी से सावधान। एक यादगार अनुभव। शुभकामनाएं।
FAQ: सोनपुर मेला 2025 से जुड़े सवाल
1. मेला कब शुरू होगा? 9 नवंबर 2025 से। 10 दिसंबर तक।
2. तारीख क्यों बदलीं? बिहार चुनाव के कारण। सुरक्षा जरूरी।
3. कहां लगेगा मेला? सोनपुर, सारण। गंगा-गंडक संगम।
4. क्या खरीदें? पशु, हस्तशिल्प, कृषि सामान।
5. कैसे पहुंचें? पटना से 25 किमी। ब्रिज से आसान।





