ITR Filing FY 25 : आयकर विभाग ने वित्तीय वर्ष 2024-2025 (मूल्यांकन वर्ष 2025-26) के लिए आयकर रिटर्न दाखिल
करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई 2025 से बढ़ाकर 15 सितंबर 2025 कर दी है। यह निर्णय करदाताओं को

अतिरिक्त समय प्रदान करने और रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया को सरल बनाने के उद्देश्य से लिया गया है।
ITR Filing FY 25 : आयकर विभाग ने रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि बढ़ाई
📅 नई अंतिम तिथि
- मूल्यांकन वर्ष 2025-26 के लिए ITR दाखिल करने की अंतिम तिथि: 15 सितंबर 2025
- पहले की अंतिम तिथि: 31 जुलाई 2025
यह बढ़ोतरी करदाताओं को अपनी आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए अतिरिक्त समय प्रदान करती है, जिससे वे
आवश्यक दस्तावेज़ों की तैयारी और सही जानकारी के साथ रिटर्न दाखिल कर सकें।
📝 ITR Filing FY 25 : महत्वपूर्ण बदलाव और दस्तावेज़ीकरण
नए ITR फॉर्म में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं, जिनमें विशेष रूप से पुराने कराधान व्यवस्था के तहत करदाताओं
से अधिक विस्तृत जानकारी मांगी जा रही है। करदाताओं को निम्नलिखित जानकारी प्रदान करनी होगी:
- HRA (House Rent Allowance) दावा: कार्य स्थल का स्थान, प्राप्त HRA राशि, भुगतान की गई किराया राशि, और मकान मालिक की जानकारी।
- धनदान (Donations): राजनीतिक दलों को किए गए दान के लिए पंजीकरण संख्या।
- धार 80C और 80D के तहत दावा: संबंधित पॉलिसी या रसीद संख्या, PPF खाता संख्या, और स्वास्थ्य बीमा प्रदाता के नाम।
इन बदलावों का उद्देश्य कर विभाग को दावों की सत्यता की जांच करने में सहायता प्रदान करना है और धोखाधड़ी को कम
करना है। कर विशेषज्ञों का सुझाव है कि करदाताओं को सभी आवश्यक दस्तावेज़ों को पहले से तैयार रखना चाहिए ताकि
वे सही और ऑडिट-समर्थित रिटर्न दाखिल कर सकें।
💰 ITR Filing FY 25 :रिफंड पर ब्याज में वृद्धि
नई अंतिम तिथि के कारण, करदाताओं को टैक्स रिफंड पर ब्याज में 33% की वृद्धि का लाभ मिलेगा। सामान्यतः, टैक्स
रिफंड पर ब्याज वित्तीय वर्ष समाप्त होने के बाद से या रिटर्न दाखिल करने की तारीख से गणना की जाती है। बढ़ी हुई
अंतिम तिथि के कारण ब्याज की अवधि बढ़ गई है, जिससे रिफंड पर अधिक ब्याज मिलेगा। हालांकि, यह ब्याज आय
के रूप में कर योग्य है और रिटर्न दाखिल करते समय इसे घोषित करना आवश्यक है।
⚠️ ITR Filing FY 25 :ध्यान देने योग्य बातें
- ऑडिट आवश्यकताएँ: जिन करदाताओं को अपने खातों का ऑडिट कराना आवश्यक है, उनके लिए अंतिम तिथि में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है। उन्हें निर्धारित तिथि के अनुसार ही रिटर्न दाखिल करना होगा।
- देर से दाखिल करने पर जुर्माना: यदि कोई करदाता निर्धारित तिथि के बाद रिटर्न दाखिल करता है, तो उसे जुर्माना और ब्याज का सामना करना पड़ सकता है। जुर्माना की राशि ₹5,000 तक हो सकती है, और ब्याज दर 1% प्रति माह हो सकती है।
✅ अंतिम शब्द
ITR दाखिल करने की बढ़ी हुई अंतिम तिथि करदाताओं को अपनी रिटर्न सही और समय पर दाखिल करने का एक और
अवसर प्रदान करती है। यह महत्वपूर्ण है कि करदाता सभी आवश्यक दस्तावेज़ों को पहले से तैयार रखें और किसी भी
त्रुटि से बचने के लिए सही जानकारी प्रदान करें। समय पर और सही तरीके से रिटर्न दाखिल करने से भविष्य में किसी
भी कानूनी या वित्तीय समस्याओं से बचा जा सकता है।
यदि आपको ITR दाखिल करने में कोई सहायता या मार्गदर्शन चाहिए, तो आप आयकर विभाग की आधिकारिक वेबसाइट
या किसी योग्य कर सलाहकार से संपर्क कर सकते हैं।