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CM भजनलाल की सख्ती: ड्राइवरों की आंखें होंगी टेस्ट, नियम तोड़ा तो लाइसेंस जब्त!

On: November 4, 2025 11:57 AM
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CM भजनलाल की सख्ती: राजस्थान के सड़कें तेज रफ्तार वाहनों और लापरवाह चालकों की वजह से मौत का सौदा बन चुकी हैं। हाल ही में जोधपुर और जयपुर के हरमाड़ा इलाके में हुए भयानक हादसों ने पूरे राज्य को हिला दिया है। इन घटनाओं में कई निर्दोष जिंदगियां खो गईं, जिसके बाद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कमर कस ली है। उन्होंने साफ संदेश दिया है कि अब सड़क सुरक्षा कोई खिलवाड़ नहीं रहेगी। ड्राइवरों की आंखों की जांच अनिवार्य होगी, और नियम तोड़ने वालों का लाइसेंस सीधे जब्त हो जाएगा।

CM भजनलाल की सख्ती
CM भजनलाल की सख्ती

यह कदम न सिर्फ हादसों को रोकने का प्रयास है, बल्कि राजस्थान की सड़कों को सुरक्षित बनाने की दिशा में एक बड़ा धक्का

साबित हो सकता है। आइए, इस नई नीति की गहराई में उतरें और समझें कि यह कैसे बदलाव लाएगी।

CM भजनलाल की सख्ती सड़क हादसों का काला सच क्यों जरूरी है CM की सख्ती?

राजस्थान में हर साल हजारों सड़क दुर्घटनाएं होती हैं, जिनमें अधिकांश हाई स्पीड, नशे में ड्राइविंग और चालकों की खराब

नजर के कारण ही दर्ज की जाती हैं। जोधपुर हादसे में एक बस की टक्कर से कई लोग घायल हुए, जबकि जयपुर के हरमाड़ा

में एक ट्रक ने कई वाहनों को रौंद दिया। इन घटनाओं ने साफ कर दिया कि अब ढीली कार्रवाई से काम नहीं चलेगा।

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने 3 नवंबर 2025 को जयपुर में उच्च स्तरीय बैठक बुलाई, जिसमें परिवहन और पुलिस महकमे

के आला अधिकारी शामिल हुए। बैठक में उन्होंने जो निर्देश दिए, वे क्रांतिकारी हैं। सबसे पहले, भारी वाहनों के ड्राइवरों के

लाइसेंस नवीनीकरण के दौरान आंखों की जांच को अनिवार्य बनाने का फैसला लिया गया। अगर रिपोर्ट गलत पाई गई, तो

लाइसेंस रद्द करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। यह कदम उन चालकों पर नकेल कसने के लिए है, जो कमजोर दृष्टि के बावजूद

वाहन चलाते हैं और खतरा पैदा करते हैं।

ड्रंक ड्राइविंग और ओवरस्पीड पर जीरो टॉलरेंस: लाइसेंस जब्ती का नया नियम

सबसे कड़ी चोट ड्रंक ड्राइविंग और तेज रफ्तार पर पड़ी है। CM शर्मा ने साफ कहा कि शराब पीकर गाड़ी चलाने या स्पीड

लिमिट तोड़ने पर पहली बार चालान कटेगा, लेकिन अगर बार-बार ऐसा हुआ, तो ड्राइविंग लाइसेंस सीधे सस्पेंड या जब्त

कर लिया जाएगा। पुलिस को निर्देश हैं कि स्पॉट चेकिंग बढ़ाई जाए, खासकर राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों पर। ट्रांसपोर्ट

कंपनियों को भी चेतावनी दी गई है कि ओवरटाइम ड्राइविंग करवाने पर सख्त कार्रवाई होगी।

इसके अलावा, जिला सड़क सुरक्षा समितियों की बैठकें नियमित होंगी। जो कलेक्टर इसे गंभीरता से नहीं लेंगे, उनसे जवाब

तलब किया जाएगा। राज्य के ब्लैक स्पॉट्स—वे जगहें जहां हादसे बार-बार होते हैं—इनकी मरम्मत को प्राथमिकता दी गई है।

सर्दियों में कोहरे से बचाव के लिए सड़क किनारों पर रिफ्लेक्टर लगाने के आदेश भी जारी हुए हैं।

ये उपाय न सिर्फ चालकों को जागरूक करेंगे, बल्कि सड़क सुरक्षा को एक सिस्टमेटिक ढांचा देंगे।

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कैसे लागू होगी यह नीति? चालकों के लिए क्या मतलब?

कल्पना कीजिए, आप एक ट्रक ड्राइवर हैं और लाइसेंस रिन्यू कराने जाते हैं। अब वहां आंखों का टेस्ट होगा—रंगों की पहचान

से लेकर दूरी मापने तक। पास न हुए, तो गाड़ी चलाने का सपना टूट जाएगा। इसी तरह, अगर आपकी गाड़ी का स्पीडोमीटर

बार-बार सीमा लांघता पकड़ा गया, तो लाइसेंस जेब से निकल जाएगा।

यह नीति छोटे-छोटे शहरों से लेकर राजधानी तक लागू होगी, जिससे ग्रामीण इलाकों में भी सुरक्षा बढ़ेगी।

परिवहन विभाग को नए लाइसेंस जारी करने और पुराने नवीनीकरण में सभी नियमों का पालन सुनिश्चित करने का जिम्मा

सौंपा गया है। पुलिस की मदद से मोबाइल चेकिंग यूनिट्स तैनात होंगी, जो रैंडम टेस्टिंग करेंगी। इससे न सिर्फ हादसे कम

होंगे, बल्कि चालकों में अनुशासन भी आएगा। लेकिन सवाल यह है कि क्या संसाधनों की कमी इसे कमजोर कर देगी?

सरकार का दावा है कि बजट आवंटित हो चुका है, और जल्द ही ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू होंगे।

सड़क सुरक्षा के दीर्घकालिक फायदे: एक सुरक्षित राजस्थान की ओर

यह नीति सिर्फ सजा देने तक सीमित नहीं है। यह जागरूकता फैलाने का माध्यम भी बनेगी। स्कूलों और कॉलेजों में

सड़क सुरक्षा कैंपेन चलेंगे, जहां युवाओं को ड्राइविंग के खतरे बताए जाएंगे। पर्यटक स्थलों पर साइन बोर्ड बढ़ेंगे, जो स्पीड

लिमिट और सुरक्षा टिप्स देंगे। लंबे समय में, इससे न सिर्फ मौतें रुकेंगी, बल्कि आर्थिक नुकसान भी कम होगा—क्योंकि

हर हादसा करोड़ों का बोझ डालता है। CM शर्मा की यह पहल राजस्थान को एक मॉडल राज्य बना सकती है, जहां सड़कें

मौत की नहीं, बल्कि जीवन की सैरगाह हों।

निष्कर्ष: समय है जागने का, सड़कें सबकी जिम्मेदारी

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की यह सख्ती एक चेतावनी है कि लापरवाही अब बर्दाश्त नहीं होगी। ड्राइवरों की आंखें चेक

करना और लाइसेंस जब्ती जैसे कदम साफ दिखाते हैं कि सरकार गंभीर है। लेकिन असली बदलाव तभी आएगा, जब

हर नागरिक इसमें शरीक हो। चलाते समय फोन न छुएं, स्पीड कंट्रोल में रखें, और नियमों का सम्मान करें।

एक सुरक्षित राजस्थान हम सबका सपना है—इसे साकार करने का समय आ गया है।

FAQ: सड़क सुरक्षा नीति से जुड़े आपके सवालों के जवाब

1. क्या सभी ड्राइवरों की आंखों की जांच अनिवार्य होगी?

हां, खासकर भारी वाहनों के चालकों के लिए लाइसेंस नवीनीकरण के दौरान यह जांच जरूरी होगी।

हल्के वाहनों पर भी चेकिंग बढ़ सकती है।

2. नियम तोड़ने पर लाइसेंस कब जब्त होगा?

पहली बार चालान कटेगा, लेकिन बार-बार ड्रंक ड्राइविंग या ओवरस्पीड पर लाइसेंस सस्पेंड या जब्त

हो जाएगा।

3. ब्लैक स्पॉट्स क्या हैं और इनकी मरम्मत कब तक?

ये वे सड़क स्थल हैं जहां हादसे ज्यादा होते हैं। सरकार ने इन्हें ठीक करने के लिए तत्काल निर्देश दिए हैं,

प्राथमिकता के आधार पर।

4. क्या ट्रांसपोर्ट कंपनियों पर भी कार्रवाई होगी?

हां, ओवरटाइम ड्राइविंग करवाने पर कंपनियों को सजा मिलेगी, ताकि चालक थके नहीं।

5. सर्दियों में कोहरे से कैसे बचें?

सड़क किनारों पर रिफ्लेक्टर लगाए जाएंगे, और चालकों को सलाह दी जाएगी कि कम स्पीड में चलें।

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