Admission News Auto Mobile Banking Jobs Beauty and Fashion Bitcoin Price Bollywood News Celebrity Net Worth Cricket News Digital Education Festival

Anti-SIR March: मतुआ क्षेत्र से सीएम ममता की चेतावनी—‘बंगाल को छूने की कोशिश की तो नतीजे भुगतेंगे

On: November 25, 2025 8:07 PM
Follow Us:

Anti-SIR March: 25 नवंबर 2025 को उत्तर 24 परगना जिले के बोंगांव में एक ऐतिहासिक विरोध प्रदर्शन हुआ, जहां पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एंटी-SIR मार्च का नेतृत्व किया। चंदपारा से ठाकुरनगर तक लगभग तीन किलोमीटर लंबी इस पदयात्रा में हजारों मटुआ समुदाय के सदस्य शामिल हुए। मार्च के बाद त्रिकोण पार्क में हुई रैली में ममता ने केंद्रीय चुनाव आयोग (ECI) और भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर बंगाल के मतदाताओं के नाम SIR प्रक्रिया में गलत तरीके से काटे गए या किसी ने छूने की कोशिश की, तो वे पूरे देश में सड़कों पर उतरकर हलचल मचा देंगी।

Anti-SIR March
Anti-SIR March: मतुआ क्षेत्र से सीएम ममता की चेतावनी—‘बंगाल को छूने की कोशिश की तो नतीजे भुगतेंगे

यह मार्च विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के खिलाफ था, जो मटुआ समुदाय के लिए नागरिकता और वोटर लिस्ट की

चिंता बढ़ा रहा है।

Anti-SIR March का पूरा विवरण: चंदपारा से ठाकुरनगर तक का सफर

सुबह करीब 11 बजे चंदपारा से शुरू हुआ यह मार्च दोपहर 1 बजे ठाकुरनगर पहुंचा। ममता बनर्जी ने नीले और सफेद

गुब्बारों के बीच TMC झंडे लहराते हुए नारे लगवाए—‘SIR बंद करो, मतदाता बचाओ’ और ‘मटुआ की आवाज,

ममता की जमानत’। मार्च में TMC सांसद ममताबाला ठाकुर, मंत्री सुजीत बोस और पूर्व मंत्री ज्योति प्रिया मल्लिक

जैसे नेता साथ थे। रास्ते में बुजुर्ग महिलाओं ने ममता को गले लगाया, तो उन्होंने बच्चों को गोद में लेकर प्यार किया।

ठाकुरनगर पहुंचते ही मटुआ धर्म महासंघ के कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया।

यह मार्च मटुआ समुदाय के आध्यात्मिक केंद्र ठाकुरनगर पर केंद्रित था, जहां हरिचंद ठाकुर और गुरुचंद ठाकुर की

परंपरा जीवित है। मटुआ, जो मुख्य रूप से बांग्लादेश से 1970-80 के दशक में आए हिंदू शरणार्थी हैं, अब 40 से

अधिक विधानसभा क्षेत्रों में निर्णायक भूमिका निभाते हैं। SIR प्रक्रिया ने उनके बीच डर पैदा कर दिया है, क्योंकि

फॉर्म भरने में दस्तावेजों की मांग से नाम कटने का खतरा है।

Read More Article: Bihar AI Cabinet Meeting: बिहार कैबिनेट का बड़ा फैसला: चुनाव बाद पहली बैठक में AI मिशन को हरी झंडी, चीनी मिल व नए टाउनशिप पर मंजूरी

ममता की चेतावनी: ‘EC भाजपा का मोहरा, नाम कटाने की साजिश’

रैली में ममता ने कहा, “EC का काम निष्पक्ष रहना है, भाजपा आयोग बनकर मतदाता सूची पर कब्जा नहीं कर

सकता। अगर बंगाल को छूने की कोशिश की, तो मैं पूरे देश में सड़कों पर उतर आऊंगी और भाजपा की नींव हिला

दूंगी।” उन्होंने मटुआ समुदाय को आश्वासन दिया कि उनकी सरकार सत्ता में रहते किसी को देश से बाहर नहीं होने

देगी। CAA कैंपों पर निशाना साधते हुए बोलीं, “CAA के तहत आवेदन करने से आप खुद को विदेशी घोषित कर

रहे हो। इससे मतदाता सूची से नाम तुरंत कट जाएगा।”

ममता ने अपने हेलीकॉप्टर कैंसिल होने को भाजपा की साजिश बताया, लेकिन सड़क मार्ग से पहुंचकर कहा, “हम

डरते नहीं, लड़ते हैं।” उन्होंने SIR को ‘अराजक और दमनकारी’ करार दिया, जो 2002 के बाद पहली बार हो रहा है।

बिहार और असम जैसे चुनावी राज्यों में SIR न होने पर सवाल उठाए। मटुआ समुदाय के हितों की रक्षा का वादा

करते हुए कहा, “भाजपा हिंदू बनाम हिंदू का खेल खेल रही है, लेकिन मटुआ और राज्यबंशी हमारा परिवार हैं।”

Read More Article: UP Anganwadi Bharti 2025 जिलेवार पदों और ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया का विस्तृत विवरण

SIR का विवाद: मटुआ समुदाय पर असर

विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) 5 नवंबर से पश्चिम बंगाल सहित 9 राज्यों में चल रहा है। इसमें BLO घर-घर फॉर्म

बांट रहे हैं, लेकिन मटुआ क्षेत्रों में दस्तावेज साबित करने की शर्त से भय है। 11 नवंबर से ममताबाला ठाकुर के

नेतृत्व में ठाकुरनगर में भूख हड़ताल चल रही है। वहीं, भाजपा सांसद शांतनु ठाकुर ने CAA कैंप लगाए, जहां

सैकड़ों मटुआ नागरिकता के लिए आवेदन कर रहे हैं।

भाजपा ने ममता पर ‘तुष्टिकरण की राजनीति’ का आरोप लगाया। प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा, “SIR से घुसपैठिए

उजागर होंगे, जिन्हें TMC ने वोट बैंक बनाया। ममता हार का डर महसूस कर रही हैं।” लेकिन TMC का कहना है

कि SIR भाजपा का हथियार है, जो 2026 विधानसभा चुनाव से पहले वोटर लिस्ट बदलने की साजिश है।

राजनीतिक पृष्ठभूमि: मटुआ वोटबैंक और 2026 चुनाव

मटुआ समुदाय उत्तर और दक्षिण 24 परगना, नदिया और उत्तर बंगाल के 40+ सीटों पर प्रभावशाली है। 2019

लोकसभा चुनाव में भाजपा ने CAA का वादा कर मटुआ वोट बांटा, लेकिन 2021 विधानसभा में TMC ने वापसी

की। अब SIR ने फिर तनाव बढ़ा दिया।

ममता का यह मार्च 2026 चुनाव से पहले मटुआ को लुभाने की रणनीति है, जबकि भाजपा CAA को हथियार

बना रही है।

निष्कर्ष

25 नवंबर 2025 का यह एंटी-SIR मार्च पश्चिम बंगाल की राजनीति में एक नया मोड़ ला सकता है। ममता बनर्जी

की चेतावनी से साफ है कि वे मतदाता अधिकारों की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जाएंगी।

SIR प्रक्रिया लोकतंत्र को मजबूत बनाने का माध्यम है, लेकिन अगर यह समुदायों को लक्षित करती है तो विवाद

बढ़ेगा। मटुआ जैसे अल्पसंख्यक समुदायों की चिंताओं को दूर करने के लिए संवाद जरूरी है। आखिरकार, चुनाव

आयोग को निष्पक्ष रहना होगा ताकि हर वोट की कीमत बनी रहे। बंगाल की सियासत में यह जंग अभी लंबी चलेगी।

Join WhatsApp

Join Now

Join Telegram

Join Now

और पढ़ें

Bihar AI Cabinet Meeting: बिहार कैबिनेट का बड़ा फैसला: चुनाव बाद पहली बैठक में AI मिशन को हरी झंडी, चीनी मिल व नए टाउनशिप पर मंजूरी

Bihar New Ministry List: नीतीश कुमार ने 26 मंत्रियों को बांटे विभाग, सम्राट चौधरी बने गृह मंत्री!

बिहार सीएम शपथ ग्रहण 2025: नीतीश कुमार 10वीं बार बने मुख्यमंत्री, एकसाथ पाँच नेताओं को दिलाई शपथ — जानें कौन बना मंत्री

Bihar Cabinet Ministers List: नीतीश कुमार के साथ 27 मंत्रियों ने ली शपथ — पूरी लिस्ट देखें

Rohini Acharya का बड़ा धमाका: राजनीति छोड़ते ही तेजस्वी यादव पर लगाए सनसनीखेज़ आरोप—गालियां और मारपीट तक की बात कही!

Bihar Election बड़ा धमाका: लालू की बेटी रोहिणी आचार्य ने छोड़ी राजनीति, परिवार से नाता तोड़ने का चौंकाने वाला ऐलान

Leave a Comment