SIR Update: चुनाव आयोग का विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान देश के 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में जोरों पर है। बूथ लेवल अधिकारी (BLO) घर-घर जाकर मतदाता सूची के गणना प्रपत्र (SIR फॉर्म) बांट रहे हैं, लेकिन अब समस्या फॉर्म भरने में आ खड़ी हुई है। छोटी-छोटी गलतियां जैसे गलत कॉलम भरना, भाग-क्रमांक संख्या न पता होना या मोबाइल नंबर लिंक न होना प्रक्रिया को लटका दे रही हैं। नतीजा? लाखों मतदाताओं का नाम सूची से कटने का खतरा मंडरा रहा है।

4 दिसंबर 2025 तक फॉर्म जमा न होने पर नाम हटाने की कार्रवाई शुरू हो जाएगी। आइए, समझते हैं कि आखिर यह
प्रक्रिया क्यों अटक रही है और इसका समाधान क्या है।
SIR Update: BLO ने फॉर्म तो बांट दिए, लेकिन जागरूकता की कमी बनी बाधा
SIR अभियान 4 नवंबर 2025 से शुरू हुआ था। BLO ने 99.57 प्रतिशत मतदाताओं तक दो प्रतियों वाला फॉर्म पहुंचा
दिया है। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और बिहार जैसे राज्यों में लाखों फॉर्म जमा भी हो चुके हैं। लेकिन कई जगह
BLO फॉर्म तो छोड़ जाते हैं, समझाते कम हैं। राजस्थान के जोधपुर में एक मतदाता राजेंद्र पारेख ने बताया, “BLO ने
फॉर्म थमा दिया और चले गए। न बताया कि यह SIR का फॉर्म है, न भरने का तरीका। अब डर है कि गलत भरा तो
नाम कट जाएगा।”
मध्य प्रदेश के भोपाल में भी यही शिकायतें हैं। एक वरिष्ठ नागरिक ने कहा, “हमें सिर्फ हस्ताक्षर करने को कहा गया,
लेकिन फॉर्म के कॉलम समझ ही नहीं आए। BLO का घर आना तो दूर, कलेक्ट करने भी नहीं आते।”
चुनाव आयोग के अनुसार, BLO तीन बार घर जाएंगे। अगर फिर भी संपर्क न हो तो जिला निर्वाचन कार्यालय विलोपन
सूची जारी करेगा। लेकिन जागरूकता अभियान कमजोर होने से ग्रामीण इलाकों में भ्रम फैल रहा है।
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SIR Update: फॉर्म भरने में ये गलतियां कर रही हैं प्रक्रिया को लंबा
SIR फॉर्म में नाम जोड़ना, सुधारना या डुप्लिकेट हटाना आसान लगता है, लेकिन छोटी चूक रिजेक्शन का कारण बन
जाती है। मुख्य समस्याएं:
गलत कॉलम भरना: फॉर्म के ऊपरी भाग में नाम, पता, उम्र सही भरना आसान है, लेकिन नीचे भाग-क्रमांक संख्या
(Part-Serial Number) गलत होने पर पूरा फॉर्म अमान्य हो जाता है। MP में कई मतदाता इसी उलझन में हैं।
मोबाइल नंबर लिंक न होना: ऑनलाइन फॉर्म भरने के लिए EPIC (वोटर आईडी) से मोबाइल लिंक जरूरी।
अगर नहीं है तो ऑफलाइन विकल्प चुनें, लेकिन कई लोग अनजान हैं।
खाली कॉलम या अधूरी जानकारी: पता अपडेट या आयु सुधार के कॉलम खाली छोड़ने से फॉर्म तुरंत रिजेक्ट।
गोंडा के BLO रमेश मिश्रा ने कहा, “लोग कॉलम नंबर भूल जाते हैं। सही जानकारी से एक ही बार में मंजूर हो जाता है।”
परिवार के सदस्यों का अलग-अलग BLO: भोपाल में एक महिला अंकिता ने शिकायत की कि उनका फॉर्म तो मिला,
लेकिन पति का नहीं। इससे कन्फ्यूजन बढ़ा।
डिजिटल पहुंच की कमी: ग्रामीणों को BLO ऐप (वर्जन 8.78) डाउनलोड करने या वोटर हेल्प ऐप इस्तेमाल करने में
दिक्कत। इन गलतियों से न केवल समय बर्बाद हो रहा, बल्कि नाम कटने का डर भी पैदा हो गया। आयोग ने 3.99
लाख बूथ लेवल एजेंट तैनात किए हैं, लेकिन सुपरवाइजर्स की निगरानी बढ़ाने की जरूरत है।
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नाम कटने से कैसे बचें? BLO और आयोग के आसान उपाय
चुनाव आयोग ने हेल्पलाइन (0522-1950) शुरू की है। अगर फॉर्म नहीं मिला तो BLO से संपर्क करें या ई-पत्रिका वोटर
हेल्प ऐप डाउनलोड करें। भाग-क्रमांक संख्या जानने के लिए:
- वोटर हेल्प ऐप खोलें।
- EPIC नंबर या मोबाइल से सर्च करें।
- राज्य-जिला-बूथ चुनकर डिटेल चेक करें।
ऑनलाइन फॉर्म भरने के स्टेप:
- NVSP पोर्टल (nvsp.in) पर जाएं।
- EPIC या मोबाइल से लॉगिन।
- “New Form” चुनें, डिटेल भरें, सबमिट करें।
- ऑफलाइन: BLO को जमा करें।
BLO को निर्देश हैं कि फॉर्म भरने में मदद करें। अगर नाम 2003 की लिस्ट में था लेकिन अब नहीं, तो फॉर्म-6 भरें।
गलत जानकारी देने पर 1 साल की कैद का प्रावधान है, इसलिए सच्चाई से भरें।
अन्य चुनौतियां: समयसीमा और संसाधनों की कमी
4 दिसंबर तक फॉर्म जमा न होने पर नाम कटेगा। बुलंदशहर में 10 लाख फॉर्म जमा हो चुके, लेकिन कई जगह BLO
सस्पेंड भी हुए हैं लापरवाही के लिए।
राजनीतिक दल एजेंट नियुक्त कर रहे, लेकिन ग्रामीण महिलाओं और बुजुर्गों तक पहुंच कम है। आयोग ने वीडियो
ट्यूटोरियल सोशल मीडिया पर डाले हैं।
निष्कर्ष: SIR Update
SIR अभियान मतदाता सूची को शुद्ध बनाने का सुनहरा मौका है, लेकिन फॉर्म भरने की उलझनें इसे जटिल बना रही हैं।
BLO की भूमिका महत्वपूर्ण है, लेकिन जागरूकता और मदद की कमी से प्रक्रिया अटक रही। अगर हर मतदाता सतर्क
होकर फॉर्म सही भर दे तो न केवल नाम सुरक्षित रहेगा, बल्कि लोकतंत्र मजबूत होगा।
आयोग को अब हेल्पडेस्क बढ़ाने और BLO ट्रेनिंग पर फोकस करना चाहिए। समय रहते कदम उठाएं, वोट का हक न गंवाएं।





