UP Divyang Pension Scheme 2025: उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संचालित दिव्यांग एवं कुष्ठावस्था पेंशन योजना उन व्यक्तियों के लिए एक महत्वपूर्ण सहारा है, जो शारीरिक या मानसिक रूप से दिव्यांग हैं और आर्थिक रूप से कमजोर स्थिति में जी रहे हैं। 2025 में यह योजना समाज कल्याण विभाग के तहत एकीकृत सामाजिक पेंशन पोर्टल (SSPY) पर पूरी तरह डिजिटल हो गई है, जिससे आवेदन और लाभ वितरण तेज हो गया है। योजना के अंतर्गत पात्र दिव्यांगों को मासिक 1000 रुपये की पेंशन प्रदान की जाती है, जो उनके दैनिक जीवन की जरूरतों को पूरा करने में मदद करती है। यदि आप उत्तर प्रदेश के निवासी हैं और 40% या अधिक दिव्यांगता से ग्रस्त हैं, तो यह लेख आपको योजना की हर बारीकी बताएगा।

यहां पात्रता से लेकर आवेदन स्टेप्स तक सब कुछ सरल हिंदी में समझाया गया है, ताकि आप आसानी से लाभ उठा सकें।
UP Divyang Pension Scheme 2025: योजना का उद्देश्य
दिव्यांग पेंशन योजना का मुख्य लक्ष्य राज्य के दिव्यांग व्यक्तियों को आर्थिक स्थिरता प्रदान करना है। कई दिव्यांग लोग रोजगार के अवसरों से वंचित रहते हैं, जिससे उनकी बुनियादी जरूरतें जैसे भोजन, दवा और आवास प्रभावित होती हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने इस समस्या को हल करने के लिए यह योजना शुरू की, जो दृष्टिबाधित, मूक-बधिर, शारीरिक विकलांग और कुष्ठ रोगियों को कवर करती है। योजना के माध्यम से न केवल वित्तीय सहायता मिलती है, बल्कि दिव्यांगों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास भी किया जाता है। 2025 में SSPY पोर्टल के अपग्रेड से आवेदन प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ी है, और अब लाभार्थी मोबाइल ऐप के जरिए भी स्टेटस ट्रैक कर सकते हैं। यह योजना दिव्यांगों के सशक्तिकरण की दिशा में एक ठोस कदम है, जो लाखों लोगों के जीवन को बेहतर बना रही है।
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पात्रता मानदंड
इस योजना का लाभ लेने के लिए कुछ स्पष्ट शर्तें निर्धारित हैं, ताकि वास्तविक जरूरतमंद तक मदद पहुंचे। आवेदक उत्तर प्रदेश का स्थायी निवासी होना चाहिए। उसकी आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए, और कोई ऊपरी आयु सीमा नहीं है। दिव्यांगता का प्रमाण पत्र अनिवार्य है, जिसमें कम से कम 40% विकलांगता दर्ज होनी चाहिए। यह प्रमाणपत्र जिला चिकित्सालय या अधिकृत मेडिकल बोर्ड से जारी होना चाहिए। परिवार की वार्षिक आय 46000 रुपये (शहरी) या 56000 रुपये (ग्रामीण) से कम होनी चाहिए, यानी BPL या EWS श्रेणी में आना जरूरी है। यदि आवेदक पहले से वृद्धावस्था पेंशन या किसी अन्य सरकारी पेंशन का लाभ ले रहा है, तो वह अयोग्य माना जाएगा। कुष्ठावस्था के मामलों में पेंशन राशि 2500 रुपये मासिक तक हो सकती है। ये मानदंड सुनिश्चित करते हैं कि योजना का लाभ सही हाथों में पहुंचे।
योजना के लाभ
योजना के तहत पात्र दिव्यांगों को हर महीने 1000 रुपये की पेंशन मिलती है, जो तिमाही आधार पर (3000 रुपये एकमुश्त) उनके बैंक खाते में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) से जमा होती है। कुष्ठ रोगियों के लिए यह राशि 2500 रुपये प्रति माह है। इसके अलावा, पेंशन के साथ स्वास्थ्य बीमा, कौशल प्रशिक्षण और सहायक उपकरण जैसे व्हीलचेयर या श्रवण यंत्र पर सब्सिडी का लाभ भी उपलब्ध है। 2025 में योजना का विस्तार हुआ है, जिसमें अब मानसिक दिव्यांगता को भी शामिल किया गया है। लाभार्थी SSPY पोर्टल पर अपनी पेंशन लिस्ट चेक कर सकते हैं, जिससे पारदर्शिता बनी रहती है। यह न केवल आर्थिक मदद देती है, बल्कि दिव्यांगों को आत्मसम्मान के साथ जीने का अवसर प्रदान करती है। राज्य सरकार ने अब तक करोड़ों रुपये वितरित कर चुकी है, जो योजना की सफलता का प्रमाण है।
आवेदन प्रक्रिया
आवेदन प्रक्रिया को सरल बनाया गया है, जो ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मोड में उपलब्ध है। मुख्य प्लेटफॉर्म SSPY-UP पोर्टल है, जहां से सब कुछ मैनेज होता है।
ऑनलाइन आवेदन
- आधिकारिक वेबसाइट sspy-up.gov.in पर जाएं।
- होम पेज पर ‘नई पेंशन आवेदन’ चुनें और ‘दिव्यांग एवं कुष्ठावस्था पेंशन’ विकल्प पर क्लिक करें।
- आधार नंबर, मोबाइल नंबर और व्यक्तिगत विवरण जैसे नाम, पता, आयु भरें।
- दिव्यांगता प्रमाण पत्र स्कैन करके अपलोड करें और बैंक डिटेल्स जोड़ें।
- फॉर्म सबमिट करें; आपको आवेदन नंबर मिलेगा, जिससे स्टेटस चेक करें। वेरिफिकेशन में 30-60 दिन लग सकते हैं। ई-मित्र या जन सेवा केंद्र पर भी मदद ली जा सकती है।
ऑफलाइन आवेदन
निकटतम ब्लॉक विकास अधिकारी (BDO) कार्यालय, तहसील या जिला समाज कल्याण विभाग में जाएं। वहां से फॉर्म प्राप्त करें, भरें और दस्तावेज संलग्न करके जमा करें। अधिकारी सत्यापन के बाद पेंशन स्वीकृत करेंगे। ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम पंचायत के माध्यम से भी आवेदन संभव है।
आवश्यक दस्तावेज
आवेदन के समय ये दस्तावेज तैयार रखें, ताकि प्रक्रिया में देरी न हो:
- आधार कार्ड (अनिवार्य, OTP वेरिफिकेशन के लिए)।
- दिव्यांगता प्रमाण पत्र (40% या अधिक, मेडिकल बोर्ड से)।
- आय प्रमाण पत्र (BPL/EWS कार्ड)।
- बैंक पासबुक की कॉपी (खाता संख्या और IFSC कोड सहित)।
- निवास प्रमाण पत्र (राशन कार्ड या वोटर आईडी)।
- पासपोर्ट साइज फोटो (दो प्रतियां)। ऑनलाइन में दस्तावेज स्कैन फॉर्मेट में अपलोड करें; ऑफलाइन में मूल कॉपी जमा करें।
निष्कर्ष
उत्तर प्रदेश दिव्यांग पेंशन योजना 2025 दिव्यांग व्यक्तियों के लिए एक सच्चा साथी साबित हो रही है, जो आर्थिक सहायता के साथ-साथ उनके सामाजिक उत्थान को बढ़ावा देती है। SSPY पोर्टल के माध्यम से डिजिटल प्रक्रिया ने योजना को और प्रभावी बना दिया है, जिससे लाखों लाभार्थी जुड़ रहे हैं। यदि आप पात्र हैं, तो तुरंत आवेदन करें और इस योजना का लाभ उठाएं। सरकार की यह पहल न केवल दिव्यांगों को सशक्त बनाती है, बल्कि समावेशी समाज की नींव रखती है। आगे आने वाले वर्षों में योजना के और विस्तार से और अधिक लोग लाभान्वित होंगे।
FAQ: UP Divyang Pension Scheme 2025
1. उत्तर प्रदेश दिव्यांग पेंशन योजना क्या है?
यह योजना राज्य के 40% या अधिक दिव्यांग व्यक्तियों को मासिक 1000 रुपये की पेंशन प्रदान करती है, ताकि वे
आर्थिक रूप से मजबूत बन सकें।
2. कौन इस योजना के लिए पात्र है?
18 वर्ष से अधिक आयु वाले उत्तर प्रदेश निवासी, जिनकी दिव्यांगता 40% या अधिक हो और परिवार BPL/EWS
श्रेणी में आता हो।
3. आवेदन कैसे करें?
ऑनलाइन sspy-up.gov.in पर या ऑफलाइन BDO/तहसील कार्यालय में फॉर्म जमा करके।
4. कितनी पेंशन राशि मिलती है?
सामान्य दिव्यांगों को 1000 रुपये मासिक; कुष्ठावस्था के लिए 2500 रुपये।
5. 2025 में क्या बदलाव हुए हैं?
डिजिटल आवेदन तेज हुआ है, और पेंशन लिस्ट ऑनलाइन चेक करने की सुविधा बढ़ाई गई है।