Traditional Dishes of India: भारत विविधता से भरा हुआ देश है, और यहाँ की सबसे बड़ी खासियत इसका भोजन है। भारतीय पारंपरिक व्यंजन न सिर्फ स्वादिष्ट होते हैं बल्कि इनका हर निवाला हमारी संस्कृति और परंपराओं की झलक भी दिखाता है। हर राज्य, हर त्यौहार और हर अवसर का एक खास व्यंजन होता है। इस लेख में हम भारत के कुछ प्रमुख पारंपरिक व्यंजनों पर नज़र डालेंगे और जानेंगे कि यह क्यों खास हैं।

Traditional Dishes of India: उत्तर भारत के पारंपरिक व्यंजन
राजमा चावल (पंजाब और जम्मू-कश्मीर):

यह व्यंजन घर-घर में लोकप्रिय है। उबले हुए राजमा और मसालेदार ग्रेवी के साथ गरमागरम चावल खाने का आनंद दोगुना कर देते हैं।
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कचौरी और आलू की सब्जी (उत्तर प्रदेश, राजस्थान):

कुरकुरी कचौरी और मसालेदार आलू की सब्जी खासतौर पर नाश्ते में बहुत पसंद की जाती है।
मक्खन-पराठा और लस्सी (पंजाब):

पराठों पर मक्खन की मोटी परत और साथ में मीठी लस्सी, पंजाबी खाने का असली स्वाद है।
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Traditional Dishes of India: दक्षिण भारत के पारंपरिक व्यंजन
डोसा और सांभर (तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश):

पतला और कुरकुरा डोसा नारियल की चटनी और सांभर के साथ दक्षिण भारत की शान है।
इडली (तमिलनाडु, केरल):

स्टीम्ड इडली हल्का और सेहतमंद नाश्ता है जिसे नारियल की चटनी और सांभर के साथ खाया जाता है।
मसाला भात और अवियल (केरल, कर्नाटक):

सब्जियों और मसालों से बना मसाला भात और नारियल आधारित अवियल विशेष अवसरों पर बनाए जाते हैं।
Traditional Dishes of India: पश्चिम भारत के पारंपरिक व्यंजन
ढोकला और फाफड़ा (गुजरात):

हल्का, स्पंजी ढोकला और करारा फाफड़ा गुजरात की पहचान है।
दाल-बाफला (मध्य प्रदेश):

गेहूं के बाफले घी में डुबोकर दाल के साथ खाए जाते हैं।
श्याम सावरी/रतलामी सेव (मध्य प्रदेश, राजस्थान):

स्नैक्स के रूप में यह काफी लोकप्रिय हैं।
Traditional Dishes of India: पूर्व भारत के पारंपरिक व्यंजन
माछ-भात (पश्चिम बंगाल, असम):

मछली और चावल का मेल बंगाल और असम के भोजन की आत्मा है।
रसगुल्ला और संदेश (पश्चिम बंगाल):

मिठाइयों में रसगुल्ला और संदेश बंगाली परंपरा और स्वाद का प्रतीक हैं।
लिट्टी-चोखा (बिहार, झारखंड):

गेहूं की लिट्टी जिसमें सत्तू भरा होता है, उसे भुना कर चोखे (आलू, बैंगन और टमाटर का मिश्रण) के साथ खाया जाता है।
त्यौहारों पर बनने वाले पारंपरिक व्यंजन

- गुजिया (होली): सूजी और मेवे से भरी हुई मीठी गुजिया होली की जान है।
- मोदक (गणेश चतुर्थी): महाराष्ट्र में भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए मोदक बनाया जाता है।
- खीर और सेवइयां (ईद, जन्माष्टमी): दूध, चीनी और सूखे मेवों से बनी यह मिठाई त्यौहारों पर विशेष रूप से बनाई जाती है।
निष्कर्ष
भारतीय पारंपरिक व्यंजन केवल स्वाद तक सीमित नहीं हैं, बल्कि यह हमारी संस्कृति, परंपराओं और इतिहास की भी पहचान कराते हैं। हर राज्य की थाली हमें यह सिखाती है कि भारत की विविधता में एकता उसके खाने से भी झलकती है। अगर आप असली भारत का स्वाद लेना चाहते हैं, तो यहाँ के पारंपरिक व्यंजन ज़रूर चखें।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
प्रश्न 1: भारत का सबसे लोकप्रिय पारंपरिक व्यंजन कौन सा है?
उत्तर: भारत का हर व्यंजन लोकप्रिय है, लेकिन डोसा, बिरयानी, राजमा चावल और लिट्टी-चोखा पूरे भारत में विशेष रूप से प्रसिद्ध हैं।
प्रश्न 2: त्यौहारों के समय कौन से पारंपरिक व्यंजन बनाए जाते हैं?
उत्तर: होली पर गुजिया, गणेश चतुर्थी पर मोदक, दिवाली पर मिठाइयाँ, और ईद पर सेवइयां बनती हैं।
प्रश्न 3: क्या भारतीय पारंपरिक व्यंजन स्वास्थ्यवर्धक होते हैं?
उत्तर: अधिकतर पारंपरिक व्यंजन पोष्टिक और संतुलित होते हैं, जिनमें दाल, सब्जियाँ, अनाज और दूध जैसी चीजें शामिल रहती हैं।
प्रश्न 4: पारंपरिक भारतीय व्यंजनों में सबसे मीठा व्यंजन कौन सा है?
उत्तर: रसगुल्ला, जलेबी और गुलाबजामुन भारत के सबसे लोकप्रिय मीठे व्यंजन हैं।