
Schizophrenia Treatments in 2025 : स्किज़ोफ्रेनिया एक जटिल मानसिक बीमारी है, जिसका इलाज आमतौर पर
जीवनभर चलता है। पिछले कुछ दशकों में इसके इलाज में काफी प्रगति हुई है, लेकिन क्या मौजूदा इलाज पर्याप्त हैं या

अब बदलाव की ज़रूरत है? आइए जानते हैं विस्तार से।
इलाज में बदलाव की ज़रूरत कब पड़ती है?
हर व्यक्ति की स्किज़ोफ्रेनिया की स्थिति अलग होती है और इलाज भी व्यक्ति विशेष के लक्षणों पर निर्भर करता है। कई
बार, इलाज के बावजूद लक्षण बने रहते हैं या फिर दवाइयों के साइड इफेक्ट्स असहनीय हो जाते हैं। ऐसे में इलाज में
बदलाव ज़रूरी हो जाता है2। कुछ मुख्य कारण हैं:
- लक्षणों का बढ़ना, जैसे कि भ्रम, मतिभ्रम, या सामाजिक दूरी बढ़ना।
- दवाइयों के साइड इफेक्ट्स जैसे वजन बढ़ना, थकान, या अन्य शारीरिक समस्याएँ।
- दवा का नियमित सेवन न कर पाना।
- बार-बार अस्पताल में भर्ती होना या जीवन की गुणवत्ता में गिरावट आना।

मौजूदा इलाज और उनकी सीमाएँ
अभी स्किज़ोफ्रेनिया के इलाज में मुख्य रूप से एंटीसाइकोटिक दवाइयाँ दी जाती हैं, जो ब्रेन के डोपामिन नामक न्यूरोट्रांसमीटर
को प्रभावित करती हैं45। ये दवाइयाँ दो तरह की होती हैं: पहली पीढ़ी (FGA) और दूसरी पीढ़ी (SGA)। दोनों के फायदे-
नुकसान हैं, लेकिन साइड इफेक्ट्स की वजह से कई मरीज़ दवा छोड़ देते हैं, जिससे लक्षण फिर से बढ़ सकते हैं4।
दवाओं के अलावा, काउंसलिंग, सामाजिक सहायता, और कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी (CBT) जैसी मनोचिकित्सकीय विधियाँ भी
इलाज का अहम हिस्सा हैं35। रिसर्च से पता चला है कि दवा और थेरेपी का संयोजन सबसे कारगर है।
नए विकल्प और भविष्य की दिशा
हाल के वर्षों में इलाज के नए विकल्पों पर शोध हो रहा है। जैसे कि लॉन्ग-एक्टिंग इंजेक्टेबल (LAI) दवाइयाँ, जिन्हें हर महीने
या कुछ महीनों में एक बार लेना पड़ता है, जिससे दवा छोड़ने की समस्या कम होती है2। इसके अलावा, क्लोज़ापिन जैसी
दवाएँ उन मरीजों के लिए दी जाती हैं, जिन पर बाकी दवाएँ असर नहीं करतीं4।
नई दवाओं और थेरेपी के साथ-साथ, व्यक्तिगत इलाज (personalized treatment) की ओर भी ध्यान दिया जा रहा है, ताकि
हर मरीज को उसकी ज़रूरत के हिसाब से सबसे उपयुक्त इलाज मिल सके4।
क्या सिर्फ दवा काफी है?
केवल दवा लेना पर्याप्त नहीं है। परिवार, दोस्तों और समाज का सहयोग, सही जानकारी, और खुद की देखभाल (self-help) भी
बहुत ज़रूरी है3। समय पर इलाज शुरू करना, डॉक्टर से लगातार संपर्क में रहना, और लाइफस्टाइल सुधारना भी लक्षणों को
कम करने में मदद करता है।
निष्कर्ष
स्किज़ोफ्रेनिया का इलाज लगातार विकसित हो रहा है, लेकिन अभी भी कई चुनौतियाँ हैं-जैसे दवा के साइड इफेक्ट्स, मरीजों
का दवा छोड़ना, और व्यक्तिगत ज़रूरतों के अनुसार इलाज न मिल पाना। इसलिए, समय-समय पर इलाज की समीक्षा और
बदलाव ज़रूरी है। नई दवाइयाँ, थेरेपी और व्यक्तिगत इलाज की दिशा में हो रहा शोध उम्मीद जगाता है कि भविष्य में
स्किज़ोफ्रेनिया से जूझ रहे लोगों को और बेहतर ज़िंदगी मिल सकेगी45।
अगर आपको या आपके किसी करीबी को स्किज़ोफ्रेनिया है और मौजूदा इलाज से राहत नहीं मिल रही, तो डॉक्टर से मिलकर
इलाज की समीक्षा ज़रूर करें। बदलाव ही बेहतर जीवन की ओर पहला कदम हो सकता है।