Pahalgam Terror Attack

Pahalgam Terror Attack : 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम के बाइसारन घाटी में हुए भीषण आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया। इस हमले में 28 निर्दोष लोगों की जान गई और 20 से अधिक घायल हुए, जिनमें अधिकांश

Pahalgam Terror Attack
Pahalgam Terror Attack: PM Modi Holds High-Level Meeting After Cutting Short Saudi Arabia Trip

पर्यटक थे। इस घटना के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सऊदी अरब यात्रा बीच में ही छोड़ दी और तुरंत भारत

लौटक उच्चस्तरीय सुरक्षा बैठक की अध्यक्षता की362

हमले का विवरण

हमला दोपहर करीब 2:50 बजे हुआ, जब चार से छह आतंकवादी सैन्य वर्दी में बाइसारन घाटी में घुसे और भीड़ पर

अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। आतंकियों ने M4 कार्बाइन और AK-47 जैसे आधुनिक हथियारों का इस्तेमाल किया।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आतंकियों ने पीड़ितों से नाम पूछे और कलमा पढ़ने को कहा, ताकि मुस्लिमों को पहचाना

जा सके और उन्हें छोड़ दिया जाए। अधिकांश पीड़ित गैर-मुस्लिम थे, जिन्हें नजदीक से गोली मारी गई1

स्थानीय लोगों ने भी घायलों की मदद की। पोनीवाला एसोसिएशन के सदस्यों ने करीब 11 घायलों को पोनी और

स्ट्रेचर से सुरक्षित स्थान तक पहुंचाया। कई स्थानीय व्यापारियों और टैक्सी ड्राइवरों ने पर्यटकों को अपने घरों में

शरण दी14

प्रधानमंत्री मोदी की त्वरित प्रतिक्रिया

हमले की खबर मिलते ही प्रधानमंत्री मोदी ने सऊदी अरब में क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के साथ अपनी

मीटिंग दो घंटे के लिए टाल दी और आधिकारिक डिनर भी छोड़ दिया। वे निर्धारित कार्यक्रम से एक दिन पहले ही

भारत लौट आए। दिल्ली पहुंचते ही उन्होंने एयरपोर्ट पर ही विदेश मंत्री एस. जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार

अजीत डोभाल और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आपात बैठक की325

इसके बाद प्रधानमंत्री ने अपने आवास पर कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक बुलाई, जिसमें गृह

मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और शीर्ष सुरक्षा अधिकारी शामिल हुए। इस बैठक में घाटी की सुरक्षा

स्थिति, खुफिया तंत्र की समीक्षा और आगे की रणनीति पर चर्चा हुई5

सरकारी और राजनीतिक प्रतिक्रियाएं

प्रधानमंत्री मोदी ने हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा, “इस जघन्य हमले के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।

आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई और मजबूत होगी।” गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने

भी सख्त बयान दिए और कहा कि सरकार दोषियों को जल्द ही सजा दिलाएगी42

विपक्ष ने भी सुरक्षा चूक को लेकर सरकार पर सवाल उठाए। कांग्रेस नेता प्रियंक खड़गे ने खुफिया एजेंसियों और

गृह मंत्रालय की भूमिका पर सवाल उठाए2। वहीं, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा

मुफ्ती ने भी घटना पर दुख जताया और स्थानीय समुदाय ने हमले के विरोध में हड़ताल और प्रदर्शन किए5

सुरक्षा व्यवस्था और आगे की रणनीति

हमले के बाद सेना और पुलिस ने इलाके में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया। हेलिकॉप्टर और अतिरिक्त बल

तैनात किए गए। सरकार ने बाइसारन घाटी और आसपास के इलाकों में स्थायी सेना और अर्धसैनिक बलों की तैनाती

की योजना बनाई है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके24

निष्कर्ष

पहल्गाम आतंकी हमला पिछले कई वर्षों में घाटी में हुआ सबसे घातक हमला है। प्रधानमंत्री मोदी की त्वरित प्रतिक्रिया,

विदेश यात्रा छोड़कर उच्चस्तरीय बैठक बुलाना, सरकार की गंभीरता और आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति को

दर्शाता है। अब देश की नजरें सुरक्षा एजेंसियों की कार्रवाई और दोषियों को सजा दिलाने पर टिकी हैं। यह घटना न केवल

कश्मीर बल्कि पूरे देश के लिए एक चेतावनी है कि आतंकवाद के खिलाफ सतर्कता और एकजुटता की जरूरत पहले से

कहीं ज्यादा है

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