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अब जमीन की रजिस्ट्री के लिए नहीं लगेगा लंबा वक्त – 4 नए नियमों के साथ शुरू हुआ डिजिटल सिस्टम

On: June 8, 2025 12:15 PM
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डिजिटल जमीन रजिस्ट्री : जमीन की खरीद-फरोख्त भारत में हमेशा से एक जटिल और समय लेने वाली प्रक्रिया रही है।

दस्तावेज़ों की जांच, सरकारी दफ्तरों के चक्कर, दलालों की भूमिका और भ्रष्टाचार जैसी कई समस्याएं जमीन की रजिस्ट्री

डिजिटल जमीन रजिस्ट्री
अब जमीन की रजिस्ट्री के लिए नहीं लगेगा लंबा वक्त – 4 नए नियमों

को आम लोगों के लिए एक सिरदर्द बना देती थीं। लेकिन अब सरकार ने इस व्यवस्था में बड़े बदलाव किए हैं। डिजिटल

इंडिया अभियान के तहत अब जमीन की रजिस्ट्री की प्रक्रिया को पूरी तरह ऑनलाइन और पारदर्शी बना दिया गया है।

सरकार ने इस नई व्यवस्था में चार नए नियम लागू किए हैं, जिनके ज़रिए रजिस्ट्री का काम आसान, तेज़ और भरोसेमंद

हो गया है। आइए जानते हैं इन चार नए नियमों और डिजिटल सिस्टम के बारे में विस्तार से।


अब जमीन की रजिस्ट्री के लिए नहीं लगेगा लंबा वक्त – 4 नए नियमों के साथ शुरू हुआ डिजिटल सिस्टम

1. डिजिटल दस्तावेज़ सत्यापन प्रणाली (e-Verification System)

पहले जमीन से जुड़े दस्तावेजों की वैधता की जांच के लिए लोगों को पटवारी या तहसील कार्यालय के चक्कर काटने पड़ते थे।

अब यह प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल कर दी गई है। जमीन के सभी दस्तावेज़ अब ऑनलाइन पोर्टल पर उपलब्ध होंगे, जिन्हें

कोई भी व्यक्ति अपने मोबाइल या कंप्यूटर से देख और डाउनलोड कर सकता है। इस e-Verification सिस्टम से जाली

दस्तावेजों का खतरा भी खत्म हो गया है।


2. ऑनलाइन अपॉइंटमेंट और समय निर्धारण

अब जमीन की रजिस्ट्री के लिए घंटों लाइन में लगने की जरूरत नहीं पड़ेगी। सरकार ने एक ऑनलाइन अपॉइंटमेंट

सिस्टम शुरू किया है, जिसके तहत आप अपनी सुविधा के अनुसार समय और तारीख चुन सकते हैं। इससे न केवल

आपका समय बचेगा, बल्कि सरकारी दफ्तरों में भीड़भाड़ भी कम होगी। साथ ही यह सिस्टम पूरी प्रक्रिया को अनुशासित

और पारदर्शी बनाने में मदद करेगा।


3. डिजिटल जमीन रजिस्ट्री : e-Sign और बायोमेट्रिक पहचान

रजिस्ट्री प्रक्रिया में अब e-Sign और आधार आधारित बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन अनिवार्य कर दिया गया है। इसका

मतलब है कि अब किसी भी तरह की फर्जी पहचान के आधार पर रजिस्ट्री नहीं की जा सकेगी। खरीदार और विक्रेता

दोनों की ऑनलाइन पहचान सुनिश्चित की जाएगी, जिससे धोखाधड़ी की संभावनाएं लगभग समाप्त हो जाएंगी।


4. डिजिटल भुगतान प्रणाली

अब रजिस्ट्री शुल्क, स्टाम्प ड्यूटी और अन्य सरकारी शुल्कों का भुगतान भी डिजिटल माध्यमों से किया जा सकता है।

नेट बैंकिंग, UPI, डेबिट/क्रेडिट कार्ड आदि के ज़रिए यह भुगतान किया जा सकता है। इससे न केवल भुगतान प्रक्रिया

तेज़ हुई है, बल्कि नकद लेनदेन में होने वाले भ्रष्टाचार पर भी लगाम लगेगी।


डिजिटल जमीन रजिस्ट्री : नए सिस्टम के फायदे

इस डिजिटल रजिस्ट्री सिस्टम के आने से आम नागरिकों को कई फायदे मिलेंगे:

  • रजिस्ट्री प्रक्रिया में पारदर्शिता और भरोसा बढ़ेगा।
  • समय और पैसे की बचत होगी।
  • दलालों और बिचौलियों की भूमिका घटेगी।
  • जाली दस्तावेजों और धोखाधड़ी पर लगाम लगेगी।
  • सरकार को भी भूमि संबंधी डाटा का रियल टाइम अपडेट मिलेगा।

निष्कर्ष

भारत सरकार द्वारा लागू किया गया यह डिजिटल रजिस्ट्री सिस्टम जमीन की खरीद-फरोख्त को आसान, पारदर्शी और

सुरक्षित बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इससे न केवल आम नागरिकों का जीवन सरल होगा, बल्कि पूरे रियल

एस्टेट सेक्टर में विश्वास और नियमबद्धता का माहौल भी बनेगा। अगर आपने अब तक इस डिजिटल सेवा का लाभ

नहीं उठाया है, तो अपने राज्य के रजिस्ट्री पोर्टल पर जाकर इसकी जानकारी जरूर लें। डिजिटल इंडिया की ओर

यह कदम सही मायनों में “ईज ऑफ डूइंग बिज़नेस” को ज़मीन पर उतारने का प्रयास है।

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