Kannappa Movie Review : कन्नप्पा मूवी रिव्यू: भक्ति, भावनाओं और भव्यता का संगम

Kannappa Movie Review : ‘कन्नप्पा’ एक पौराणिक कथा पर आधारित फिल्म है, जिसमें विष्णु मंचू ने मुख्य भूमिका

निभाई है। निर्देशक मुकेश कुमार सिंह ने एक ऐसे नायक की कहानी दिखाई है, जो शुरू में नास्तिक है, लेकिन परिस्थितियों

और अनुभवों के चलते उसकी आस्था भगवान शिव में इतनी गहरी हो जाती है कि वह अपने प्राणों की भी परवाह नहीं

करता। फिल्म का पहला भाग पात्रों और पृष्ठभूमि को स्थापित करने में समय लेता है, जिससे कहानी की गति थोड़ी धीमी

लगती है। लेकिन जैसे-जैसे फिल्म आगे बढ़ती है, खासकर दूसरे हाफ में, कहानी अपनी रफ्तार पकड़ती है और दर्शकों

को थिन्नाडु की आध्यात्मिक यात्रा से जोड़ देती है

कन्नप्पा मूवी रिव्यू कहानी और निर्देशन

Kannappa Movie Review
Kannappa Movie Review : कन्नप्पा मूवी रिव्यू: भक्ति, भावनाओं और भव्यता का संगम

अभिनय और किरदार

विष्णु मंचू ने थिन्नाडु/कन्नप्पा के रूप में अपना करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दिया है। उनका ट्रांसफॉर्मेशन और डायलॉग

डिलीवरी प्रभावशाली है। प्रभास का रुद्र के रूप में कैमियो, खासकर क्लाइमैक्स में, फिल्म को अलग ऊंचाई देता है

और दर्शकों को रोमांचित करता है। अक्षय कुमार ने भगवान शिव के रूप में अपनी उपस्थिति से जादू बिखेरा है, व

हीं काजल अग्रवाल पार्वती के रोल में ठीक-ठाक रही हैं। अन्य कलाकारों की भूमिकाएं छोटी हैं, लेकिन कहानी में

उनकी अहमियत है।

Kannappa Movie Review
Kannappa Movie Review : कन्नप्पा मूवी रिव्यू: भक्ति, भावनाओं और भव्यता का संगम

तकनीकी पक्ष

शेल्टन चाउ की सिनेमैटोग्राफी में जंगल, नदी और पहाड़ों के दृश्य जीवंत हो उठते हैं। वीएफएक्स का इस्तेमाल औसत है,

और पौराणिक फिल्मों के लिहाज से इसे और बेहतर किया जा सकता था। स्टीवन देवसी का बैकग्राउंड स्कोर दमदार है,

लेकिन गाने कहानी की गति को रोकते हैं और फिल्म की लंबाई (करीब 3 घंटे) महसूस होती है। सेट और कॉस्ट्यूम

डिज़ाइन में मेहनत दिखती है, लेकिन और विस्तार की गुंजाइश थी।

Kannappa Movie कि क्लाइमैक्स और भावनात्मक प्रभाव

फिल्म का असली जादू उसके अंतिम 30-40 मिनट में है। क्लाइमैक्स इतना भावनात्मक, रोमांचक और भक्ति से भरा हुआ है

कि दर्शक थिएटर से एक अलग अनुभव लेकर लौटते हैं। थिन्नाडु का आत्मबलिदान और भगवान शिव की परीक्षा, दोनों ही

दृश्य रोंगटे खड़े कर देते हैं। यही वजह है कि कई समीक्षकों और दर्शकों ने फिल्म को ‘मस्ट वॉच’ कहा है, खासकर शिव

भक्तों के लिए

कमजोरियां

फिल्म की सबसे बड़ी कमजोरी इसकी लंबाई और पहले हाफ की धीमी गति है। कुछ किरदारों की गहराई में कमी है

और रोमांटिक ट्रैक कहानी को कमजोर करता है। वीएफएक्स और एडिटिंग में और सुधार की जरूरत थी।

निष्कर्ष

Kannappa Movie Review : ‘कन्नप्पा’ एक भव्य, भावनात्मक और भक्ति से ओत-प्रोत फिल्म है, जो अपनी कमजोरियों

के बावजूद क्लाइमैक्स में दर्शकों का दिल जीत लेती है। विष्णु मंचू का अभिनय, प्रभास का कैमियो और फिल्म का अंतिम

आधा घंटा इसे खास बनाता है। अगर आप पौराणिक कथाओं, भक्ति और भावनात्मक कहानियों के शौकीन हैं, तो ‘कन्नप्पा’

जरूर देखें।

यह फिल्म शिव भक्तों के लिए एक यादगार अनुभव है

Leave a Comment