Diwali 2025: दीवाली का त्योहार तो बस दिल को छू लेने वाला होता है ना? वो रोशनी की झिलमिलाहट, घर में महकते मिठाइयों के ढेर, और पूरे परिवार के साथ हंसी-खुशी के पल – ये सब मिलकर बनाते हैं एक जादुई दुनिया। लेकिन 2025 में दीवाली कब आएगी? किस मुहूर्त में लक्ष्मी पूजा करेंगे? अगर आप भी इन सवालों से परेशान हैं, तो ये आर्टिकल आपके लिए ही है। यहां हम बात करेंगे दीवाली 2025 की सटीक डिटेल्स की, ताकि आपकी तैयारी परफेक्ट हो जाए। चलिए, शुरू करते हैं इस रोशनी भरे सफर को!

Diwali 2025: दीवाली की तारीख पांच दिनों का शुभ कैलेंडर
दीवाली कोई एक दिन का त्योहार नहीं, बल्कि पांच दिनों का उत्सव है जो धनतेरस से शुरू होकर भाई दूज तक चलता है। 2025 में ये त्योहार अक्टूबर महीने में धूम मचाएगा। मुख्य दीवाली (लक्ष्मी पूजा) 20 अक्टूबर 2025, सोमवार को मनाई जाएगी। अमावस्या तिथि 20 अक्टूबर की रात 12:11 बजे से शुरू होकर 21 अक्टूबर की शाम 10:43 बजे तक रहेगी।
यहां पूरा कैलेंडर देख लीजिए:
- धनतेरस (17 अक्टूबर, शुक्रवार): सोने-चांदी की खरीदारी का शुभ दिन।
- नरक चतुर्दशी या छोटी दीवाली (19 अक्टूबर, रविवार): नर्कासुर के वध की याद में।
- मुख्य दीवाली (20 अक्टूबर, सोमवार): लक्ष्मी पूजा और दीये जलाना।
- गोवर्धन पूजा (21 अक्टूबर, मंगलवार): भगवान कृष्ण की पूजा।
- भाई दूज (22 अक्टूबर, बुधवार): भाई-बहन का प्यार।
ये तारीखें हिंदू पंचांग के अनुसार हैं, इसलिए लोकल पंडित से कन्फर्म जरूर कर लें।
दीवाली का महत्व: अंधेरे पर रोशनी की जीत
दीवाली सिर्फ रोशनी का त्योहार नहीं, बल्कि जीवन में सकारात्मकता लाने का प्रतीक है। रामायण के अनुसार, ये भगवान राम के 14 साल के वनवास के बाद अयोध्या लौटने की खुशी में मनाया जाता है। वहीं, महाभारत में पांडवों का वनवास समाप्त होने का भी जिक्र मिलता है। कुल मिलाकर, ये अच्छाई की बुराई पर, प्रकाश की अंधकार पर जीत का संदेश देता है।
2025 में ये त्योहार हमें सिखाएगा कि चुनौतियों के बाद भी खुशियां लौट आती हैं। परिवार के साथ समय बिताना, दान-पुण्य करना और नई शुरुआत – ये सब दीवाली का असली सार है। खासकर आज के व्यस्त जीवन में, ये त्योहार हमें रुकने और सराहने का मौका देता है।
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त और विधि: स्टेप बाय स्टेप गाइड
पूजा का सही मुहूर्त ही तो शुभ फल देता है! 2025 की दीवाली पर लक्ष्मी पूजा के लिए प्रदोष काल: शाम 5:58 बजे से 8:25 बजे तक सबसे शुभ रहेगा। अगर प्रदोष काल मिस हो जाए, तो स्थिर लग्न में पूजा करें – जो दोपहर 3:44 बजे से शाम 5:54 बजे तक होगा।
पूजा की सरल विधि:
- घर की सफाई: सुबह से ही झाड़ू-पोंछा कर घर को चमकाएं। नेगेटिव एनर्जी बाहर हो जाएगी।
- रंगोली बनाएं: मुख्य द्वार पर स्वास्तिक या फूलों की रंगोली से लक्ष्मी का स्वागत करें।
- पूजा सामग्री: दीये, अगरबत्ती, फूल, मिठाई, कमल गट्टा और चंदन रखें।
- आरती: लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति या चित्र के सामने आरती करें। “ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मी…” मंत्र जपें।
- दीये जलाएं: रात को घर-आंगन में 13-21 दीये लगाएं।
ध्यान रखें, पूजा के दौरान सकारात्मक रहें और परिवार सबको शामिल करें।
दीवाली 2025 की तैयारी टिप्स: शॉपिंग से लेकर सजावट तक
तैयारी में देर न करें! धनतेरस पर सोना, बर्तन या वाहन खरीदें। पटाखों की बजाय इको-फ्रेंडली लाइट्स चुनें, क्योंकि पर्यावरण का भी ध्यान रखना जरूरी है। मिठाइयों में गुलाब जामुन, लड्डू और कaju कतली ट्राई करें – घर पर बनाएं तो मजा दोगुना।
सजावट के लिए LED स्ट्रिंग लाइट्स और थर्माकोल के दीये यूज करें। गिफ्ट्स में ड्राई फ्रूट्स या होम डेकोर आइटम्स बेस्ट रहेंगे। बजट में रहें, लेकिन खुशियों पर कोई कसर न छोड़ें!
निष्कर्ष: Diwali 2025 – खुशियों का वादा
दीवाली 2025 हमें याद दिलाएगी कि रोशनी हमेशा अंधेरे को मिटा देती है। ये त्योहार न सिर्फ धन-समृद्धि लाता है, बल्कि रिश्तों को मजबूत करता है। तो, इस बार घर को रोशन करने के साथ-साथ दिल को भी जगमगाएं। शुभ दीपावली! आइए, मिलकर मनाएं ये पर्व और नई ऊर्जा से भरा साल शुरू करें।
FAQ: Diwali 2025 से जुड़े आम सवाल
1. दीवाली 2025 कब है? मुख्य दीवाली 20 अक्टूबर 2025 को मनाई जाएगी। पूरा पांच दिवसीय उत्सव 17 से 22 अक्टूबर तक चलेगा।
2. लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है? प्रदोष काल में शाम 5:58 से 8:25 बजे तक पूजा करें। वैकल्पिक रूप से स्थिर लग्न 3:44 PM से 5:54 PM।
3. दीवाली पर क्या खरीदें? धनतेरस पर सोना, चांदी या बर्तन। पटाखों की बजाय ग्रीन डेकोर चुनें।
4. क्या दीवाली पर उपवास रखा जाता है? हां, कुछ लोग अमावस्या पर फलाहार रखते हैं, लेकिन मुख्य रूप से पूजा के बाद प्रसाद ग्रहण करें।
5. भाई दूज कब है 2025 में? 22 अक्टूबर 2025 को, बहनें भाइयों को तिलक लगाएंगी।
अगर आपके और सवाल हैं, तो कमेंट्स में बताएं!