देवरिया के प्रसिद्ध व्यंजन : प्रदेश के पूर्वी भाग में स्थित देवरिया केवल ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण नहीं है,
बल्कि यहां के पारंपरिक व्यंजन भी लोगों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। देवरिया का खाना न केवल स्वाद से भरपूर होता

है, बल्कि यह स्थानीय संसाधनों, पारंपरिक रसोई और मिट्टी से जुड़ी पाक परंपरा का जीवंत उदाहरण भी है। इस लेख
में हम देवरिया के कुछ प्रसिद्ध और लोकप्रिय व्यंजनों के बारे में जानेंगे, जो यहां की पहचान बन चुके हैं।
देवरिया के प्रसिद्ध व्यंजन: स्वाद में बसी संस्कृति
1. लिट्टी-चोखा: पूर्वांचल की आत्मा
हालांकि लिट्टी-चोखा की जड़ें बिहार में मानी जाती हैं, लेकिन देवरिया और आसपास के इलाकों में इसका स्वाद एकदम
अलग होता है। देसी घी में डूबी हुई सत्तू से भरी लिट्टी और भुने बैंगन, आलू, टमाटर से बना चोखा – इस कॉम्बिनेशन को
कोई भूल नहीं सकता। देवरिया की गलियों में आपको सुबह से शाम तक लिट्टी के ठेले मिल जाएंगे।
2. दाल-भात और आलू-टमाटर की सब्ज़ी
देवरिया में आमतौर पर दोपहर के भोजन में दाल-भात यानी अरहर की दाल और चावल खाया जाता है। इसके साथ
आलू-टमाटर की मसालेदार सब्ज़ी और हरी मिर्च, नींबू, अचार जरूर होते हैं। यह साधारण सा लगने वाला भोजन
वास्तव में बेहद पौष्टिक और स्वादिष्ट होता है।
3. चाट और स्ट्रीट फूड
देवरिया की स्ट्रीट फूड कल्चर भी काफी लोकप्रिय है। गोलगप्पा, टिकिया-चाट, मटर-चाट, दही-भल्ला और आलू
चाट यहाँ की सड़कों पर शाम होते ही छा जाते हैं। खास बात यह है कि यहां की चाट में प्रयुक्त मसाले स्थानीय होते हैं,
जिससे स्वाद देसी और ताजगी भरा होता है।
4. मिठाइयाँ: शुद्धता और देसीपन का मेल
देवरिया की मिठाइयाँ भी खूब प्रसिद्ध हैं। यहां की खोया वाली बर्फी, चेनास, रसगुल्ला, पेड़ा, और त्योहारों पर मिलने
वाली तेल वाली बालूशाही हर किसी को भाती है। खासकर होली और दिवाली जैसे त्योहारों पर स्थानीय हलवाइयों की
दुकानों पर भारी भीड़ लग जाती है।
5. पूड़ी-सब्ज़ी और कचौड़ी
रविवार की सुबह या त्योहारों के दिन तेल में तली गरमा-गरम पूड़ियाँ, साथ में आलू की मसालेदार सब्ज़ी और खट्टी-
मीठी चटनी — देवरिया की रसोई का एक आम दृश्य है। इसके साथ मूँगदाल की कचौड़ी और भुजिया का मेल भी
लोगों को खूब पसंद आता है।
6. सत्तू शरबत और ठंडई
गर्मियों में देवरिया में सत्तू का शरबत, जो भुने हुए चने के आटे से बनाया जाता है, बहुत लोकप्रिय होता है। यह न
केवल ठंडक देने वाला है बल्कि शरीर को ताक़त भी देता है। शिवरात्रि और होली जैसे त्योहारों पर यहां की खास
ठंडई भी पीने वालों को तृप्त कर देती है।
7. परंपरागत पकवान
त्योहारों के अवसर पर देवरिया के घरों में बनने वाले परंपरागत व्यंजन जैसे गुझिया, पुआ, खीर, दाल-पीठा, सिझिया
आदि अब भी पीढ़ियों से चले आ रहे हैं। ये पकवान न केवल स्वादिष्ट होते हैं बल्कि पारिवारिक एकता और परंपरा को
भी दर्शाते हैं।
निष्कर्ष:
देवरिया के व्यंजन केवल स्वाद का माध्यम नहीं हैं, बल्कि यह उस मिट्टी की पहचान हैं जहां से वे उपजे हैं। यहां का
खाना साधारण दिखने वाला हो सकता है, लेकिन उसमें छुपा हुआ देसीपन, सादगी और संस्कृति का मेल हर खाने
वाले के दिल को छू जाता है। अगर आप देवरिया जाएं, तो वहां के स्थानीय व्यंजनों का जरूर स्वाद लें — क्योंकि
यही स्वाद आपको उस ज़मीन से जोड़ता है जहां दिल अब भी देसी धड़कता है।












