Comet Search Engine Launch in India: भारत में डिजिटल दुनिया तेजी से बदल रही है, और अब एक नया
खिलाड़ी मैदान में उतरने वाला है। Comet, जो कि एक AI-संचालित वेब ब्राउजर है, लेकिन इसमें इनबिल्ट
सर्च इंजन की ताकत है, भारत सहित दुनिया भर में लॉन्च हो चुका है। यह Perplexity AI द्वारा विकसित है, जिसके
संस्थापक अरविंद श्रीनिवास भारतीय मूल के हैं। अगर आप गूगल क्रोम या अन्य ब्राउजर्स से थक चुके हैं, तो Comet
आपके ब्राउजिंग अनुभव को पूरी तरह बदल सकता है। इस आर्टिकल में हम Comet के बारे में विस्तार से बात करेंगे,
इसकी विशेषताएं, लॉन्च की जानकारी, और भारत में इसका महत्व।

Comet Search Engine Launch in India: भारत ने बना डाला अपना सर्च इंजन (Comet क्या है?)
Comet कोई साधारण सर्च इंजन या ब्राउजर नहीं है; यह एक ऐसा टूल है जो आपकी सोच की स्पीड से काम करता है।
Perplexity AI ने इसे एक AI-पावर्ड ब्राउजर के रूप में डिजाइन किया है, जो इंटरनेट को नेविगेट करने के बजाय,
आपके दिमाग की तरह सोचता है। इसमें Perplexity का AI-सर्च इंजन इनबिल्ट है, जो सवालों के जवाब तुरंत देता
है, वेबसाइट्स से जानकारी निकालता है, और टास्क ऑटोमेट करता है। उदाहरण के लिए, अगर आप कोई रिसर्च कर
रहे हैं, तो Comet खुद ही मल्टीपल टैब्स को मैनेज करेगा और कंटेक्स्ट बनाए रखेगा।
यह ब्राउजर क्रोमियम प्लेटफॉर्म पर बना है, इसलिए आप गूगल क्रोम के एक्सटेंशन्स आसानी से इस्तेमाल कर सकते हैं।
लेकिन इसमें AI असिस्टेंट है जो वॉयस या टेक्स्ट से सवालों का जवाब देता है, ईमेल समराइज करता है, कैलेंडर मैनेज
करता है, और यहां तक कि शॉपिंग या बुकिंग जैसे काम करता है। Comet को “ब्राउजर जो आपके साथ सोचता है”
कहा जा रहा है, क्योंकि यह यूजर की क्यूरियोसिटी को बढ़ावा देता है और वेबपेज पर हाइलाइट टेक्स्ट से तुरंत
एक्सप्लेनेशन देता है।
भारत में Comet का लॉन्च और उपलब्धता
Comet का आधिकारिक लॉन्च 9 जुलाई 2025 को हुआ था, और यह अब भारत में भी उपलब्ध है। Perplexity AI के
Max सब्सक्राइबर्स इसे इस्तेमाल कर सकते हैं, और वेटलिस्ट के जरिए अन्य यूजर्स को इनवाइट मिल रहा है। भारत में
इसका महत्व इसलिए ज्यादा है क्योंकि इसके फाउंडर अरविंद श्रीनिवास IIT मद्रास से पढ़े हुए हैं और भारतीय मूल के हैं।
हाल ही में, Perplexity ने गूगल क्रोम को खरीदने के लिए एक बड़ी बोली लगाई है, जो लगभग 34.5 बिलियन डॉलर की है,
जो Comet को और मजबूत बना सकती है।
भारत जैसे देश में, जहां इंटरनेट यूजर्स की संख्या करोड़ों में है, Comet कम बैंडविड्थ पर भी अच्छा काम कर सकता है।
हालांकि आधिकारिक रूप से भारत-विशेष लॉन्च नहीं हुआ, लेकिन ग्लोबल रोलआउट में भारत शामिल है। कुछ रिपोर्ट्स
में इसे “स्वदेशी” सर्च इंजन की तरह पेश किया जा रहा है, क्योंकि यह लोकल जरूरतों को ध्यान में रखकर डिजाइन किया
गया है, जैसे मल्टी-लैंग्वेज सपोर्ट और प्राइवेसी फोकस।
Comet की मुख्य विशेषताएं
Comet की विशेषताएं इसे अन्य ब्राउजर्स से अलग बनाती हैं। यहां कुछ प्रमुख फीचर्स हैं:
AI असिस्टेंट: ब्राउजिंग सेशन को हैंडल करता है, सवालों के जवाब देता है, और टास्क ऑटोमेट करता है। जैसे, “इस
होटल को बुक करो” कहने पर यह खुद ही प्रोसेस करेगा।
स्मार्ट सर्च: Perplexity का AI-सर्च इंजन डिफॉल्ट है, जो सटीक और ट्रस्टवर्थी जवाब देता है। यह हेलुसिनेशन से बचता है और रियल-टाइम जानकारी देता है।
मल्टीटास्किंग: ईमेल, कैलेंडर, टैब ऑर्गनाइजेशन – सब एक जगह।
प्राइवेसी और सिक्योरिटी: यूजर डेटा को सुरक्षित रखता है, और कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत में डेटा लोकल रह
सकता है, जो साइबर सिक्योरिटी बढ़ाता है।
वॉयस और टेक्स्ट इंटरैक्शन: कॉम्प्लेक्स क्वेरीज को हैंडल करता है, जैसे वॉयस से सर्च करना।
पर्सनलाइजेशन: यूजर की आदतों से सीखता है और बेहतर असिस्टेंस देता है।
ये फीचर्स Comet को सिर्फ एक सर्च इंजन नहीं, बल्कि एक पूरा AI कंपेनियन बनाते हैं।
Comet कैसे गूगल को चुनौती दे रहा है?
गूगल का सर्च और क्रोम ब्राउजर बाजार पर दबदबा है, लेकिन Comet इसे तोड़ने की कोशिश कर रहा है। Perplexity AI
पहले से ही AI-सर्च में गूगल को टक्कर दे रहा है, और अब Comet के साथ ब्राउजिंग को AI से जोड़कर, यह यूजर्स को
ज्यादा इंटेलिजेंट अनुभव देता है। जहां गूगल सर्च लिंक्स देता है, Comet सीधे जवाब देता है। हाल की बोली से पता चलता
है कि Perplexity गूगल क्रोम को खरीदकर 3 बिलियन यूजर्स तक पहुंचना चाहता है।
भारत में, जहां प्राइवेसी और लोकल डेटा महत्वपूर्ण है, Comet का फोकस इसे पॉपुलर बना सकता है। यह गूगल की
मोनोपॉली को चैलेंज कर रहा है, खासकर AI के दौर में।
भारत के यूजर्स के लिए फायदे
भारतीय यूजर्स के लिए Comet एक गेम-चेंजर हो सकता है। मल्टी-लैंग्वेज सपोर्ट से हिंदी, तमिल, तेलुगु जैसी भाषाओं में
सर्च आसान होगा। कम इंटरनेट स्पीड वाले इलाकों में भी यह अच्छा काम करेगा। साथ ही, भारतीय मूल के फाउंडर होने
से यह “मेक इन इंडिया” की भावना को बढ़ावा देता है। स्टार्टअप्स, स्टूडेंट्स और बिजनेस यूजर्स को रिसर्च और प्रोडक्टिविटी
में मदद मिलेगी।
निष्कर्ष
Comet Search Engine Launch: Comet भारत में डिजिटल इनोवेशन का नया चेहरा है, जो AI की ताकत से ब्राउजिंग
और सर्च को रीडिफाइन कर रहा है। गूगल जैसे दिग्गजों को टक्कर देकर, यह यूजर्स को ज्यादा स्मार्ट और सुरक्षित अनुभव
देता है। अगर आप टेक्नोलॉजी के शौकीन हैं, तो Comet को ट्राई जरूर करें। यह न सिर्फ समय बचाता है, बल्कि आपकी
क्यूरियोसिटी को भी बढ़ाता है। भविष्य में, ऐसे AI टूल्स इंटरनेट को और बेहतर बनाएंगे।
FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)
1. Comet सर्च इंजन क्या है?
Comet Perplexity AI का AI-पावर्ड ब्राउजर है, जिसमें इनबिल्ट सर्च फीचर्स हैं। यह सवालों के सटीक जवाब देता है
और टास्क ऑटोमेट करता है।
2. Comet भारत में कब लॉन्च हुआ?
यह 9 जुलाई 2025 को ग्लोबली लॉन्च हुआ और भारत में उपलब्ध है। Max सब्सक्राइबर्स इसे इस्तेमाल कर सकते हैं।
3. Comet की कीमत क्या है?
कीमत की डिटेल्स के लिए Perplexity की ऑफिशियल वेबसाइट चेक करें, क्योंकि सब्सक्रिप्शन मॉडल पर निर्भर करता है।
4. क्या Comet गूगल से बेहतर है?
हां, AI फीचर्स और प्राइवेसी में यह गूगल को चैलेंज करता है, लेकिन यूजर एक्सपीरियंस पर निर्भर करता है।
5. Comet कैसे डाउनलोड करें?
Perplexity.ai/comet पर वेटलिस्ट जॉइन करें या Max सब्सक्राइबर बनें।
6. क्या Comet भारतीय भाषाओं को सपोर्ट करता है?
हां, मल्टी-लैंग्वेज सपोर्ट है, जो भारत की डाइवर्सिटी को सूट करता है।











