Bihar Government: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर युवाओं को रोजगार देने का बड़ा दांव खेला है। 5 दिसंबर 2025 को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट के जरिए उन्होंने घोषणा की कि राज्य सरकार ने तीन नए विभाग बनाए हैं – युवा, रोजगार एवं कौशल विकास विभाग, उच्च शिक्षा विभाग और सिविल एविएशन विभाग। इसके अलावा, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) के लिए अलग निदेशालय और बिहार मार्केटिंग प्रमोशन कॉर्पोरेशन की स्थापना भी की गई है।

सीएम का स्पष्ट कहना है कि ये कदम 2025-2030 के बीच एक करोड़ युवाओं को नौकरियां और स्वरोजगार के
अवसर मुहैया कराने के लक्ष्य को साकार करने के लिए उठाए गए हैं। लेकिन सवाल यह है कि क्या ये नए विभाग
वाकई बिहार के बेरोजगार युवाओं की किस्मत बदल पाएंगे?
Bihar Government: नए विभाग क्यों जरूरी थे? नीतीश कुमार की सफाई
नीतीश कुमार ने अपनी पोस्ट में विस्तार से बताया कि बिहार जैसे राज्य में जहां युवा आबादी 60% से ज्यादा है,
वहां बेरोजगारी एक बड़ी समस्या बनी हुई है। पिछले कुछ सालों में प्रवासी मजदूरों की संख्या बढ़ी है, लेकिन स्थानीय
स्तर पर कौशल विकास और उच्च शिक्षा की कमी ने इसे और गहरा दिया। “हमारा लक्ष्य है कि अगले पांच सालों में
एक करोड़ युवाओं को नौकरियां दें। इसके लिए बड़े पैमाने पर स्किल ट्रेनिंग, गुणवत्तापूर्ण तकनीकी शिक्षा और सख्त
मॉनिटरिंग जरूरी है,” उन्होंने लिखा।
युवा, रोजगार एवं कौशल विकास विभाग:
यह विभाग मुख्य रूप से स्किल इंडिया जैसी योजनाओं को मजबूत करेगा। इसमें युवाओं को आईटी, मैन्युफैक्चरिंग,
हेल्थकेयर और एग्री-बिजनेस जैसे क्षेत्रों में ट्रेनिंग दी जाएगी। सीएम के अनुसार, यह विभाग विभिन्न सरकारी स्कीमों
के जरिए बड़े स्तर पर रोजगार सृजन का इंजन बनेगा। बिहार में पहले से चल रही कस्तूरबा गांधी स्कूल और आईटीआई
जैसे संस्थानों को इससे जोड़ा जाएगा।
उच्च शिक्षा विभाग:
उच्च शिक्षा को अलग विभाग देकर इसका फोकस रिसर्च, इनोवेशन और वोकेशनल कोर्सेज पर होगा। नीतीश ने कहा
कि इससे सभी आर्थिक पृष्ठभूमि के छात्रों को रोजगार-उन्मुख शिक्षा मिलेगी। राज्य के विश्वविद्यालयों में पीपीपी मॉडल
से नए कोर्स शुरू होंगे, जैसे एआई, डेटा साइंस और रिन्यूएबल एनर्जी।
सिविल एविएशन विभाग:
बिहार में एविएशन सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए यह विभाग बनेगा। सीएम ने बताया कि उदान योजना के तहत कई
नए एयरपोर्ट बन रहे हैं, जैसे बेगूसराय और मुजफ्फरपुर में। इससे ग्रामीण और अर्ध-शहरी इलाकों में हजारों नौकरियां
पैदा होंगी, साथ ही राज्य के उत्पादों का निर्यात आसान होगा।
इसके अतिरिक्त, एमएसएमई निदेशालय छोटे उद्योगों को लोन, मार्केटिंग और टेक्नोलॉजी सपोर्ट देगा। बिहार मार्केटिंग
प्रमोशन कॉर्पोरेशन कृषि, पशुपालन, बागवानी, खाद्य प्रसंस्करण, हस्तशिल्प और ग्रामीण उद्योगों के उत्पादों की उपलब्धता,
गुणवत्ता और वितरण को मजबूत करेगा।
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इन विभागों से क्या-क्या फायदे होंगे?
ये नए विभाग बिहार की अर्थव्यवस्था को नई गति देंगे। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे न केवल बेरोजगारी घटेगी, बल्कि
राज्य का जीडीपी भी 8-10% तक बढ़ सकता है। कुछ प्रमुख फायदे इस प्रकार हैं:
रोजगार सृजन: एक करोड़ नौकरियों का लक्ष्य हासिल करने के लिए 50 लाख से ज्यादा युवाओं को स्किल ट्रेनिंग
मिलेगी। ग्रामीण क्षेत्रों में एमएसएमई से 20-25 लाख स्वरोजगार के मौके बनेंगे।
शिक्षा में सुधार: उच्च शिक्षा विभाग से विश्वविद्यालयों का स्टैंडर्ड ऊंचा होगा। रिसर्च हब बनने से स्टार्टअप कल्चर
फलेगा, जो 5-7 साल में 10,000 से ज्यादा जॉब्स पैदा कर सकता है।
इंफ्रास्ट्रक्चर बूस्ट: सिविल एविएशन से पर्यटन और ट्रेड बढ़ेगा। नए एयरपोर्ट से बिहार के मखाना, लीची जैसे उत्पाद
वैश्विक बाजार पहुंचेंगे, जिससे किसानों की आय दोगुनी हो सकती है।
महिलाओं और पिछड़ों पर फोकस: ये विभाग एससी/एसटी और महिलाओं के लिए विशेष कोटा रखेंगे, जिससे
सामाजिक समावेश बढ़ेगा।
हालांकि, चुनौतियां भी हैं। बजट की कमी और भ्रष्टाचार रोकना बड़ी जिम्मेदारी होगी। पिछले सालों में कई स्किल
प्रोग्राम्स में फंड मिसयूज के आरोप लगे हैं।
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बिहार की राजनीति पर असर
यह घोषणा नीतीश कुमार की एनडीए सरकार के लिए एक मास्टरस्ट्रोक है। हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में एनडीए
की जीत के बाद युवा वोट बैंक को मजबूत करने का यह प्रयास विपक्ष (आरजेडी) को कटघरे में खड़ा कर देगा। लेकिन
विपक्ष का कहना है कि ये सिर्फ कागजी घोषणाएं हैं, असल में ग्राउंड पर कुछ नहीं बदलेगा।
निष्कर्ष: Bihar Government
बिहार सरकार के इन तीन नए विभागों से एक नई उम्मीद जगी है। नीतीश कुमार का 1 करोड़ नौकरियों का सपना अगर
साकार हुआ, तो बिहार देश का सबसे तेजी से बढ़ता राज्य बन सकता है। लेकिन सफलता के लिए पारदर्शी मॉनिटरिंग,
पर्याप्त फंडिंग और प्राइवेट सेक्टर की साझेदारी जरूरी है।
युवाओं को सलाह है कि वे स्किल कोर्सेज में नामांकन करवाएं और सरकारी पोर्टल पर अपडेट रहें। सरकार को भी चाहिए
कि ये विभाग जल्दी काम शुरू करें, ताकि बिहार के सपने हकीकत बनें। आखिरकार, एक समृद्ध बिहार ही सबका लक्ष्य है!





