B.Ed course update news: भारतीय शिक्षा प्रणाली में एक नया दौर शुरू होने वाला है। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) ने हाल ही में एक ऐसा फैसला लिया है, जो लाखों युवाओं के सपनों को पंख लगा देगा। 2014 में दो साल के लिए बढ़ाए गए B.Ed (बैचलर ऑफ एजुकेशन) और M.Ed (मास्टर ऑफ एजुकेशन) कोर्स को अब फिर से एक साल का कर दिया गया है। यह बदलाव 2026-27 शैक्षणिक सत्र से लागू होगा, जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के अनुरूप है।

इस फैसले से न केवल समय और पैसे की बचत होगी, बल्कि शिक्षक बनने की राह आसान हो जाएगी। खासकर वे युवा,
जो ग्रेजुएशन के बाद जल्दी नौकरी तलाश रहे हैं, उनके लिए यह राहत की सांस है।
लेकिन सवाल यह है कि यह बदलाव कैसे काम करेगा? कौन योग्य होगा? आइए, इसकी गहराई से पड़ताल करते हैं।
B.Ed course update news: NCTE के नए नियमों का पूरा खुलासा
NCTE ने ड्राफ्ट रेगुलेशंस 2025 को मंजूरी दी है, जिसमें B.Ed और M.Ed कोर्स की संरचना में व्यापक सुधार किए गए
हैं। मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं:
- एक साल का B.Ed कोर्स:
- यह कोर्स केवल उन उम्मीदवारों के लिए उपलब्ध होगा, जिन्होंने चार साल की अंडरग्रेजुएट डिग्री (जैसे BA/BSc B.Ed इंटीग्रेटेड) या पोस्टग्रेजुएट डिग्री पूरी की हो।
- तीन साल की ग्रेजुएशन वाले छात्रों को अभी भी दो साल का B.Ed ही करना पड़ेगा। इससे कोर्स की गुणवत्ता बनी रहेगी।
- कोर्स में फाउंडेशनल, प्रिपरेटरी, मिडिल और सेकेंडरी स्तर की स्पेशलाइजेशन पर फोकस होगा। इंटर्नशिप और प्रैक्टिकल ट्रेनिंग को मजबूत किया जाएगा।
- एक साल का M.Ed कोर्स:
- यह फुल-टाइम रेगुलर प्रोग्राम होगा, जिसमें रिसर्च, कम्युनिटी एंगेजमेंट और हैंड्स-ऑन टास्क शामिल होंगे।
- दो साल का M.Ed अब पार्ट-टाइम मोड में काम करने वाले टीचर्स और एजुकेशन एडमिनिस्ट्रेटर्स के लिए रहेगा।
- ITEP में नई स्पेशलाइजेशन:
- 2025-26 से योगा, फिजिकल एजुकेशन, संस्कृत एजुकेशन और आर्ट एजुकेशन जैसी चार नई ITEP (इंटीग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम) शुरू होंगी। यह चार साल का इंटीग्रेटेड कोर्स है, जो क्लास 12 के बाद सीधे टीचर ट्रेनिंग देगा।
- एडमिशन प्रक्रिया में बदलाव:
- नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) द्वारा स्टैंडर्डाइज्ड सब्जेक्ट और एप्टीट्यूड टेस्ट आयोजित होगा।
- प्रत्येक कोर्स में अधिकतम 50 स्टूडेंट्स की सीट लिमिट होगी, ताकि बेहतर मेंटरिंग हो सके।
ये बदलाव दस साल पुरानी 2014 की पॉलिसी को उलटते हैं, जब दो साल का कोर्स शुरू किया गया था ताकि टीचर्स की
क्वालिटी बढ़े। लेकिन कम एडमिशन, पुराने करिकुलम और इंटर्नशिप की दिक्कतों ने इसे चुनौतीपूर्ण बना दिया।
अब NCTE का मानना है कि एक साल का कोर्स अधिक फ्लेक्सिबल और प्रभावी साबित होगा।
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लाखों युवाओं को क्यों मिली यह बड़ी राहत?
कल्पना कीजिए, आप ग्रेजुएट हैं और टीचर बनना चाहते हैं। दो साल का कोर्स करने का मतलब था दो साल की फीस,
समय और मेहनत। लेकिन अब एक साल में डिग्री मिल जाएगी! यह बदलाव लाखों युवाओं के लिए गेम-चेंजर है।
समय की बचत: जल्दी कोर्स पूरा कर नौकरी की तलाश शुरू कर सकेंगे। सरकारी स्कूलों में TET/CTET क्वालीफाई
करने वालों के लिए यह सुनहरा मौका है।
आर्थिक फायदा: फीस और रहन-सहन का खर्च आधा हो जाएगा। खासकर मध्यम वर्ग के परिवारों के लिए राहत।
कैरियर बूस्ट: NEP 2020 के तहत मल्टीपल एंट्री-एग्जिट ऑप्शन से युवा अन्य फील्ड्स में भी स्विच कर सकेंगे।
शिक्षा की गुणवत्ता: छोटे बैच और मजबूत इंटर्नशिप से बेहतर टीचर्स तैयार होंगे, जो देश के स्कूलों को मजबूत बनाएंगे।
हालांकि, 2025 में एडमिशन लेने वालों को अभी दो साल का कोर्स ही करना पड़ेगा। 2026 के फॉर्म्स से एक साल का
ऑप्शन खुलेगा।
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अन्य महत्वपूर्ण अपडेट्स: B.Ed और D.El.Ed में सख्ती
NCTE ने B.Ed के अलावा D.El.Ed (डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन) में भी नए नियम लागू किए हैं।
ड्यूल डिग्री पर बैन: अब B.Ed और D.El.Ed एक साथ नहीं कर सकेंगे। फोकस बेहतर होगा।
छह महीने की अनिवार्य इंटर्नशिप: प्रैक्टिकल एक्सपीरियंस बढ़ेगा।
ऑफलाइन टीचिंग पर जोर: थ्योरी क्लासेस ऑनलाइन हो सकती हैं, लेकिन प्रैक्टिकल पूरी तरह ऑफलाइन।
मल्टीडिसिप्लिनरी कॉलेज ही मान्य: सिंगल B.Ed कॉलेज बंद हो जाएंगे। 2030 तक सभी को मल्टीडिसिप्लिनरी बनना
होगा। छोटे कॉलेज मर्जर या कोलैबोरेशन का ऑप्शन चुन सकेंगे।
ये कदम शिक्षा की क्वालिटी सुधारने के लिए हैं, लेकिन स्टूडेंट्स को NCTE-अप्रूvd कॉलेज ही चुनने चाहिए।
निष्कर्ष: एक नई शुरुआत की ओर
NCTE का यह फैसला न केवल युवाओं को सशक्त बनाएगा, बल्कि भारतीय शिक्षा प्रणाली को वैश्विक स्तर पर मजबूत
करेगा। एक साल के B.Ed कोर्स से लाखों सपने साकार होंगे, और NEP 2020 का सपना हकीकत बनेगा।
अगर आप टीचर बनने का ख्वाब देख रहे हैं, तो अभी से तैयारी शुरू करें। आधिकारिक वेबसाइट पर अपडेट्स चेक करते
रहें, क्योंकि शिक्षा का भविष्य आपके हाथ में है। यह बदलाव सिर्फ कोर्स नहीं, बल्कि एक बेहतर कल की नींव है।





