2025 Dipawali: दीपावली, जिसे रोशनी का त्योहार भी कहा जाता है, बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। यह पर्व हर वर्ष कार्तिक अमावस्या के दिन मनाया जाता है। 2025 में दीपावली 20 अक्टूबर, सोमवार को मनाई जाएगी। इस दिन माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की विशेष पूजा की जाती है। दीप जलाकर हर घर का अंधकार दूर किया जाता है और समृद्धि की कामना होती है।

2025 Dipawali के पांच मुख्य दिन
- धनतेरस: स्वास्थ्य और धन की कामना के लिए
- नारक चतुर्दशी (छोटी दिवाली): बुराई का अंत
- लक्ष्मी पूजन (मुख्य दिवाली): मां लक्ष्मी-गणेश की पूजा
- गोवर्धन पूजा: प्रकृति और गोवर्धन पर्वत की आराधना
- भैया दूज: भाई-बहन के प्रेम का उत्सव
पूजा विधि और तैयारी
दीपावली से पूर्व घर की सफाई और सजावट जरूरी मानी जाती है। पूजा के दिन चौकी पर लाल या पीला वस्त्र बिछाकर भगवान गणेश और मां लक्ष्मी की मूर्ति स्थापित की जाती है। दीप जलाएं, फल-भोग लगाएं और वैदिक मंत्रों के साथ पूजा पूरी करें। घर में दीपक और रंगोली से वातावरण को सुखमय बनाएं।
दीपावली का महत्व
यह पर्व केवल धार्मिक ही नहीं, सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से भी महत्वपूर्ण है। दीपावली समाज में मेल-जोल, प्रेम और भाईचारे का विस्तार करती है। व्यापार में समृद्धि और व्यक्तिगत जीवन में शुभता का संदेश देती है।
निष्कर्ष
2025 Dipawali का पर्व खुशियों, समृद्धि और उत्साह का प्रतीक है। परंपराओं और पूजा-पाठ के साथ इसे मनाएं और अपने परिवार के साथ जीवन में उजाला भरें। पर्यावरण के प्रति जागरूक रहें और पर्व को सुरक्षित खुशी के साथ मनाएं।
FAQs
प्रश्न 1: 2025 Dipawali कब है?
उत्तर: 2025 में दीपावली 20 अक्टूबर, सोमवार को मनाई जाएगी।
प्रश्न 2: इस त्योहार के मुख्य देवता कौन हैं?
उत्तर: गृह लक्ष्मी और भगवान गणेश मुख्य देवता हैं।
प्रश्न 3: पांच दिवसीय पर्व में कौन-कौन से दिन आते हैं?
उत्तर: धनतेरस, नरक चतुर्दशी, दीपावली, गोवर्धन पूजा, भैया दूज।
प्रश्न 4: पूजा का सही तरीका क्या है?
उत्तर: घर की सफाई करें, लक्ष्मी-गणेश की स्थापना करें, दीपक जलाएं, मंत्रों के साथ पूजा करें और आरती करें।
प्रश्न 5: क्या दीपावली पर आतिशबाजी अनिवार्य है?
उत्तर: नहीं, आतिशबाजी पूरी तरह वैकल्पिक है; पर्यावरण व सुरक्षा को प्राथमिकता दें।