Tally Prime Ledger Guide : Tally Prime में “लेज़र” का सही ज्ञान हर अकाउंटेंट के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। टैली प्राइम एक लोकप्रिय अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर है, जिसमें लेज़र महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। आइए हम लेज़र को आसान भाषा में विस्तार से समझें।

Tally Prime Ledger Guide : टैली प्राइम में लेज़र क्या होता है?
#लेज़र किसी विशेष खाते (व्यक्ति, वस्तु, खर्च, आय आदि) का वह पुस्तक है जिसमें उससे जुड़ी हर लेन-देन दर्ज की जाती है। उदाहरण के लिए: Cash, Bank, Rent, Salary, Supplier, Customer आदि के लेज़र बनाए जाते हैं।
- मूल परिभाषा:
लेज़र एक मुख्य खाता-बही है जिसमें सभी आर्थिक लेन-देन स्थायी रूप से और क्रमवार दर्ज होती हैं। - टैली में भूमिका:
टैली प्राइम की हर वाउचर एंट्री (जैसे बिक्री, खरीद, भुगतान) किसी न किसी लेज़र में ही दर्ज होती है। इससे हर खाते की वास्तविक स्थिति पता चलती है।
लेज़र का महत्व
- व्यवस्थित रिकॉर्ड रखना:
सभी लेन-देन को सही खाते में रखना आसान होता है। - ट्रायल बैलेंस और फाइनल अकाउंट्स:
सभी रिपोर्टिंग और बैलेंस शीट लेज़र पर आधारित होती है। - रियल-टाइम बैलेंस:
टैली प्राइम हर लेज़र का बैलेंस तुरन्त दिखा देेता है। - त्रुटि का पता लगाना:
कोई गलती हो तो लेज़र द्वारा आसानी से ट्रेस की जा सकती है।
लेज़र के प्रकार
- कैश लेज़र: नकदी लेन-देन के लिए
- बैंक लेज़र: बैंक से संबंधित लेन-देन
- ग्राहक (Sundry Debtors): बकाया राशि की जानकारी के लिए
- सप्लायर (Sundry Creditors): देनदारी की ट्रैकिंग के लिए
- खर्चे (Expense Ledgers): जैसे किराया, बिजली
- आय (Income Ledgers): जैसे सेवा आय, ब्याज
Tally Prime Ledger Guide में लेज़र कैसे बनाते हैं?
Step by Step:
- Tally Prime खोलें और कंपनी सिलेक्ट करें।
- Gateway of Tally > Masters > Create > Ledger जाएँ।
- लेज़र का नाम डालें (जैसे Telephone Expense)।
- संबंधित ग्रुप चुनें (जैसे Indirect Expenses)।
- ओपनिंग बैलेंस डालें (अगर हो)।
- Ctrl + A दबाएँ या Accept पर क्लिक करें।
सुझाव:
- सही ग्रुप चयन करें।
- एक ही प्रकार के दो लेज़र न बनाएं।
- नाम स्पष्ट और समझने में आसान रखें।
लेज़र को एडिट या डिलीट कैसे करें?
- Alter > Ledger में जाएँ।
- लेज़र सेलेक्ट करें, बदलाव करें।
- हटाने के लिए Alt+D दबाएँ।
उदाहरण
मान लीजिए आपने ₹10,000 किराया दिया।
- पहले “किराया” नामक लेज़र बनायें (Indirect Expenses में)।
- भुगतान वाउचर में Debit किराया, Credit बैंक या कैश डालें।
- लेज़र में पूरा हिसाब आ जाएगा।
लेज़र की विशेषताएं व फायदे
- पूरा रिकॉर्ड: हर ट्रांजेक्शन व्यवस्थित तरीके से सुरक्षित।
- निर्णय में मदद: सही डाटा उपलब्ध होने से निर्णय जल्दी हो सकता है।
- ऑडिट में सहूलियत: ऑडिटर को डेटा आसान मिलता है।
- पारदर्शिता: लेन-देन का पूरा ट्रेस मिलता है।
Conclusion (संक्षेप में)
Ledger in Tally Prime is not just a digital account book; it is the core of your business’s financial system — enabling you to document, classify, and analyze every transaction. By understanding and using ledgers correctly, you pave the way for efficient accounting, smart business decisions, and smooth compliance.
टैली प्राइम में लेज़र का सही उपयोग व्यापार में शुद्धता, पारदर्शिता व विकास के लिये अत्यंत महत्वपूर्ण है।