गूगल टैक्स समाप्त 2025 : अप्रैल 2025 से भारत सरकार ने गूगल और मेटा जैसी विदेशी कंपनियों की ऑनलाइन विज्ञापन
सेवाओं पर लगने वाला 6% गूगल टैक्स समाप्त 2025, डिजिटल विज्ञापन सेवाएं होंगी सस्ती (इक्वलाइजेशन लेवी) हटाने का

फैसला किया है। इस बदलाव से डिजिटल विज्ञापन सेवाएं सस्ती होंगी, जिससे भारतीय व्यवसायों को लाभ मिलेगा और विदेशी
टेक कंपनियों के लिए भारत में निवेश बढ़ेगा। सरकार का यह कदम भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों को बेहतर बनाने और
डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लिया गया है। अब भारतीय ब्रांड्स इन प्लेटफॉर्म्स पर अधिक विज्ञापन खर्च
कर सकेंगे
1. गूगल टैक्स (Equalisation Levy) का खत्म होना
1 अप्रैल 2025 से भारत सरकार ने विदेशी डिजिटल विज्ञापनों पर लगने वाला 6% गूगल टैक्स (Equalisation Levy) हटा दिया
है14। इससे गूगल, मेटा जैसी विदेशी एड टेक कंपनियों के लिए भारत में विज्ञापन सेवाएं सस्ती हो जाएंगी, जिससे भारतीय
ब्रांड्स और एजेंसियां इन प्लेटफॉर्म्स पर ज्यादा खर्च कर सकेंगी। इससे न सिर्फ इन कंपनियों के रेवेन्यू में बढ़ोतरी होगी, बल्कि
भारत में डिजिटल एडवर्टाइजिंग का बाजार और तेज़ी से बढ़ेगा1।
टैक्स हटने के साथ-साथ सरकार कुछ टैक्स छूट भी वापस ले रही है, जिससे संतुलित टैक्स स्ट्रक्चर बना रहेगा1।
2. गूगल की नई एड टेक्नोलॉजी अपडेट्स
- ईमेल प्रमोशनल कंटेंट का ऑटोमैटिक डिस्प्ले:
3 अप्रैल 2025 से गूगल मर्चेंट्स के प्रमोशनल ईमेल कंटेंट को सर्च और शॉपिंग रिजल्ट्स में ऑटोमैटिक दिखाएगा। मर्चेंट सेंटर में सभी व्यापारी डिफॉल्ट रूप से शामिल होंगे, लेकिन चाहें तो ऑप्ट-आउट कर सकते हैं। इससे मार्केटर्स के लिए प्रमोशन हाईलाइट करना आसान होगा, लेकिन कंटेंट कंट्रोल और ट्रैफिक पर असर पड़ सकता है3। - डिमांड जेन एड्स में ऑटो-जनरेटेड लैंडिंग पेज प्रीव्यू:
गूगल एड्स ने डिमांड जेन एड्स (खासकर वीडियो) में ऑटो-जनरेटेड लैंडिंग पेज स्क्रीनशॉट जोड़ना शुरू किया है। इससे यूजर्स को विज्ञापन के पीछे की वेबसाइट का प्रीव्यू मिलेगा, जिससे ट्रांसपेरेंसी और क्लिक क्वालिटी बेहतर हो सकती है3। - AI-ड्रिवन मैक्सिमम परफॉर्मेंस एड सीरीज:
गूगल ने AI आधारित मैक्सिमम परफॉर्मेंस एड सीरीज को और मजबूत किया है, जिससे विज्ञापनदाता सभी चैनल्स पर बेहतर ROI और कन्वर्ज़न पा सकते हैं5। अब विज्ञापनदाता अपने ब्रांड स्टाइल के अनुसार बड़े पैमाने पर विजुअल और टेक्स्ट एड क्रिएट कर सकते हैं।
3. डेटा प्राइवेसी और AI इंटीग्रेशन
- फर्स्ट-पार्टी डेटा और AI मॉडल:
अब एड टेक कंपनियां फर्स्ट-पार्टी डेटा, AI और फेडरेटेड लर्निंग का इस्तेमाल कर कस्टम ऑडियंस टार्गेटिंग और एनालिटिक्स को तेज़ और सुरक्षित बना रही हैं। WPP और GroupM जैसी ग्लोबल एजेंसियां InfoSum जैसे डेटा नेटवर्क के साथ मिलकर क्लाइंट्स को हाई-क्वालिटी, प्राइवेसी-कम्प्लायंट डेटा सॉल्यूशन दे रही हैं6। इससे कुकी-लेस फ्यूचर के लिए एड टेक प्लेटफॉर्म्स खुद को तैयार कर रहे हैं।
4. मार्केट ट्रेंड्स और इंटीग्रेशन
- फिजिटल (Physical + Digital) एडवर्टाइजिंग:
ब्रांड्स अब डिजिटल और पारंपरिक मार्केटिंग का मिश्रण कर रहे हैं, जिससे उपभोक्ता अनुभव और ब्रांड इंगेजमेंट में सुधार हो रहा है। ‘रिटेल मीडिया 2.0’ और ‘यूनिफाइड कॉमर्स’ जैसी नई अवधारणाएं तेजी से अपनाई जा रही हैं2।
निष्कर्ष
एड टेक्नोलॉजी प्रोवाइडर्स के लिए 2025 में सबसे बड़ा बदलाव टैक्स स्ट्रक्चर, AI इंटीग्रेशन, डेटा प्राइवेसी और मल्टीचैनल एड
डिलीवरी में हो रहा है। गूगल, मेटा जैसे प्लेटफॉर्म्स पर विज्ञापन अब सस्ता और अधिक प्रभावी होगा, जबकि एडवर्टाइजर्स को
डेटा प्राइवेसी और कंटेंट कंट्रोल पर ज्यादा ध्यान देना होगा। डिजिटल एडवर्टाइजिंग का भविष्य और भी अधिक ऑटोमेटेड,
डेटा-ड्रिवन और इंटीग्रेटेड होने जा रहा है।





